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चुनाव प्रचार में 10 हजार तक ही करना होगा नकद भुगतान

-सर्वदलीय बैठक में चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को दिया निर्देश -विपक्ष ने वीवीपैट की 100 फीसद

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Feb 2019 09:57 PM (IST)Updated: Tue, 19 Feb 2019 09:57 PM (IST)
चुनाव प्रचार में 10 हजार तक ही करना होगा नकद भुगतान
चुनाव प्रचार में 10 हजार तक ही करना होगा नकद भुगतान

-सर्वदलीय बैठक में चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को दिया निर्देश

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-विपक्ष ने वीवीपैट की 100 फीसद गिनती करने की मांग की

-एफीडेविट के इलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया में तीन-तीन बार विज्ञापन पर जताया एतराज जागरण संवाददाता, कोलकाता : लोकसभा चुनाव के तहत अब उम्मीदवार या राजनीतिक दल अपने चुनाव प्रचार कायरें पर 10 हजार रूपए तक का ही नकद राशि भुगतान कर सकेंगे। उक्त निर्देश चुनाव आयोग की ओर से मंगलवार को राजनीतिक दलों की बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में दिया गया है। राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त आरिज आफताब ने बताया कि चुनाव प्रचार के दौरान किसी भी प्रकार से अवैध राशि के उपयोग पर रोक लगाने के उद्देश्य से यह कार्यवाही की गई है।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में तृणमूल की ओर से सांसद सुब्रत बख्शी, तापस राय, सुभाशिष मौजूद थे जबकि माकपा की ओर से सुखेंदु पाणीग्रही, कांग्रेस की ओर से राणा चंद, तपन दत्त, सुजीत चक्रवर्ती, भाकपा नेता व अन्य दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

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यह था चर्चा का विषय

चुनाव आयोग की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में वीवीपैट पर्चियों की गिनती, उम्मीदवारों की ओर से दाखिल एफीडेविट के इलेक्ट्रानिक व प्रिंट मीडिया में क्रमश: तीन-तीन बार विज्ञापन देने, उम्मीदवारों के एक दिन में केवल 10 हजार नकदी खर्च करने व सी-विजिल एप को लेकर चर्चा हुई। भाजपा को छोड़ कर अधिकतर दलों ने वीवीपैट की 100 फीसद गिनती करने की मांग की लेकिन विज्ञापन को लेकर सभी आयोग की राय से इतर दिखे।

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किसने क्या कहा

तृणमूल महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा कि वीवीपैट की गणना लोकसभा चुनाव के बाद 100 फीसद किए जाने की आवश्यकता है लेकिन इसे लेकर आयोग के पास ठोस तैयारी का अभाव दिखता है। एक दिन में केवल 10 हजार रुपये खर्च के प्रावधान को लेकर उन्होंने अपनी आपत्ति जाहिर की। वहीं, एफीडेविट का तीन बार विज्ञापन देने को लेकर उन्होंने कहा कि इससे हमारा खर्च बढ़ेगा। वहीं, भाजपा नेता जयप्रकाश मजुमदार ने कहा कि वीवीपैट को जानबूझ कर मुद्दा बनाया जा रहा है जबकि असल मुद्दा है कि केंद्रीय जवानों की निगरानी में चुनाव निष्पक्ष हो। उधर, भाकपा नेता प्रबीर देव ने कहा कि एफीडेविट का विज्ञापन तीन बार देने से हमारा खर्च बढ़ेगा जिसे आयोग थोप रहा है। प्रशांत दत्त ने कहा कि ईवीएम के साथ वीवीपैट हर विधानसभा में 1 ही रखने की बात है जिसे लेकर हमें आपत्ति है।


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