Coronavirus Lockdown: लॉकडाउन का असर, बंगाल में कोविड-19 के नए मामले 8 हजार से कम हुए
बंगाल में कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए 16 मई से लागू राज्यव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया था। राज्य में 5 दिनों के बाद कोविड-19 के नए मामले आठ हजार से कम आए जिसके बाद कहा जा सकता है कि ये लॉकडाउन के कारण ही संभव हो पाया है।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 16 मई से लागू राज्यव्यापी लॉकडाउन असरदार साबित हुआ है। राज्य में दैनिक संक्रमण के मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। बंगाल में 45 दिनों के बाद कोविड-19 के नए मामले आठ हजार से कम आए। राज्य में शुक्रवार को संक्रमण के 7913 नए मामले आए और 113 और मरीजों की मौत हुई। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन में यह जानकारी दी गई है। इससे पहले राज्य में बीते मंगलवार को संक्रमण के 9,424 नए मामले आए थे।
गौरतलब है कि राज्य में 21 अप्रैल से हर दिन 10,000 से अधिक मामले आ रहे थे। मई के मध्य में तो दैनिक संक्रमण के मामले 20,000 तक पहुंच गया था। लेकिन संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा कड़ा प्रतिबंध लागू किए जाने के बाद इसका खासा असर दिख रहा है।
स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि पिछले 24 घंटों में, 113 और मरीजों ने संक्रमण से दम तोड़ दिया, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 16,034 हो गई। बुलेटिन के मुताबिक, पिछले 24 घंटे के दौरान 16,557 लोगों के संक्रमण मुक्त होने से इस जानलेवा वायरस को मात देने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 13,42,391 हो गई है।राज्य में कोरोना संक्रमण के अब तक कुल 14,11,448 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें स्वस्थ होने वालों की संख्या 13,42,391 है। इसके अनुसार राज्य में कोविड-19 से ठीक होने की दर 95.11 फीसद हो गई है।
वर्तमान में उपचाराधीन मरीजों की संख्या 53,023 है। पिछले 24 घंटे के दौरान उत्तर 24 परगना जिले में कोविड-19 के सर्वाधिक 1686 नए मामले सामने आए, इसके बाद राजधानी कोलकाता में 899 मामले सामने आये। उत्तर 24 परगना में ही सर्वाधिक 25 मरीजों की मौत हुई। बता दें कि संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने पूर्ण लॉकडाउन को 15 जून तक बढ़ाने की पहले ही घोषणा कर दी है।
लॉकडाउन के चलते राज्य में इस समय उपनगरीय लोकल ट्रेनों का परिचालन से लेकर मेट्रो, जलपथ परिवहन समेत सार्वजनिक परिवहन की सभी वाहनों की आवाजाही बंद है। सिर्फ आपातकालीन सेवाओं के लिए वाहनों की आवाजाही की छूट है।