तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य केडी सिंह गिरफ्तार, 16 जनवरी तक ईडी हिरासत में भेजा
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पूर्व राज्यसभा सदस्य केडी सिंह पर शिकंजा कसा है। ईडी ने चिटफंड घोटाले व मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पूछताछ के बाद केडी सिंह को गिरफ्तार कर लिया। तृणमूल के पूर्व सांसद सिंह एक चिटफंड कंपनी भी चलाते थे।
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले सियासी हलचल के बीच केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई लगातार जारी है। इसी कड़ी में अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लांड्रिंग से जुड़े एक मामले में तृणमूल कांग्रेस के पूर्व राज्यसभा सदस्य केडी सिंह को पूछताछ के बाद दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इसके बाद कोर्ट में पेश किया गया जहां उन्हें चार दिनों की रिमांड पर भेज दिया।
सूत्रों ने बुधवार को जानकारी दीकि 59 वर्षीय सिंह को मनी लांड्रिंग की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। वहीं, गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की एक अदालत ने सिंह को 16 जनवरी तक ईडी की हिरासत में भेज दिया। अधिकारियों के अनुसार, लंबे समय तक पूछताछ के बाद जांच में सहयोग नहीं करने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया। सिंह के दिल्ली स्थित आवास से ईडी ने 10,000 डॉलर भी जब्त किया है, जिसका हिसाब वह नहीं दे सके। वहीं, गिरफ्तारी पर केडी सिंह ने अदालत के बाहर पत्रकारों से कहा कि हमने कोई गलत काम नहीं किया है। समय बताएगा कौन सही है और कौन गलत।
जानकारी के मुताबिक, केडी सिंह की कंपनी अल्केमिस्ट इन्फ्रा रियलटी लिमिटेड पर ईडी ने 2016 में धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया था। सिंह की कंपनी पर करीब 1900 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। सेबी की ओर से भी इस कंपनी, इसके डायरेक्टर और शेयर होल्डर्स पर केस दर्ज किया जा चुका है। ईडी की ओर से इससे पहले जून, 2019 में अलकेमिस्ट ग्रुप के मालिक केडी सिंह से जुड़ी कंपनी की 239 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की गई थी, जिसमें रिजॉर्ट, शोरूम और बैंक खाते आदि शामिल थे। वहीं, केंद्रीय एजेंसी ने मनी लांड्रिंग के दो मामलों में सिंह और उनसे जुड़े लोंगों के परिसरों पर सितंबर 2019 में छापे भी मारे थे। ईडी ने 1,900 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले की जांच को लेकर यह कार्रवाई की थी। अल्केमिस्ट समूह पर भी चिटफंड के जरिए निवेशकों से कई सौ करोड़ रुपये ठगने का आरोप है। जिसकी सीबीआइ भी जांच कर रही है। सिंह अल्केमिस्ट समूह के अध्यक्ष रह चुके हैं और 2012 में पद से इस्तीफा दे चुके हैं। कहा जाता है कि वह इस कारोबारी समूह के अध्यक्ष, एमरिटस और संस्थापक हैं।
भाजपा तृणमूल ने एक दूसरे पर साधा निशाना
वहीं इस गिरफ्तारी को लेकर तृणमूल छोड़कर भाजपा में आए सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि चिटफंड कंपनियों के माध्यम से आम लोगों से रुपये लूट लिए गए। वहीं सारधा चिटफंड घोटाले में लंबे समय तक जेल में रहे तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कहा कि वह मुकुल रॉय के करीबी है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व सांसद सौगत राय ने दावा किया कि सिंह का लंबे समय से उनकी पार्टी से कोई संपर्क नहीं है।