Coronavirus Lockdown effect:कोरोना से जंग के लिए पूर्व रेलवे ने 380 आइसोलेशन कोच किए तैयार
कोरोना से जंग के लिए पूर्व रेलवे ने 380 आइसोलेशन कोच किए तैयार- विभिन्न वर्कशॉप व डिपो में युद्धस्तर पर तैयार किया गया है आइसोलेशन कोच
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। लॉकडाउन के चलते ट्रेनों का संचालन ठप है, ऐसे में रेलवे कोरोना महामारी से जंग के लिए पूरी तैयारी में जुटा है। आपात स्थिति के लिए रेलवे अपने नॉन एसी बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में बदल रहा है ताकि जरूरत पड़ने पर इसका इस्तेमाल किया जा सके।
इसी कड़ी में पूर्व रेलवे ने युद्धस्तर पर अपने 380 नॉन एसी स्लीपर व सामान्य द्वितीय श्रेणी के बोगियों को आइसोलेशन वार्ड में बदलने का काम पूरा कर लिया है। पूर्व रेलवे की ओर से एक बयान में कहा गया कि पहले 338 बोगियों को ही आइसोलेशन वार्ड में बदलने का लक्ष्य दिया था जिसे पार कर 10 अप्रैल तक 380 आइसोलेशन कोच तैयार किया जा चुका है।
इन आइसोलेशन बोगियों को पूर्व रेलवे के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत काचरापाडा व लिलुआ वर्कशॉप के अलावा, टिकियापाड़ा कारसेड सहित चितपुर, सियालदह, आसनसोल, मालदा, भागलपुर डिपो में परिवर्तित किया गया है। पूर्व रेलवे की ओर से बताया गया कि इन बोगियों को डब्ल्यूएचओ के गाइडलाइन के तहत बहुत सावधानीपूर्वक तैयार किया गया है।
यानी किसी भी रोगियों के लिए आवश्यक सभी सुविधाओं से रेलवे के यह आइसोलेशन कोच युक्त हैं। इसमें डॉक्टर व नर्सेस के रहने के लिए विशेष तरह के चेंबर सहित मेडिकल उपकरणों के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं की गई है। प्रत्येक कोच में 8 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था है।
प्रत्येक कोच में मरीज की जरूरत के हिसाब से एक शौचालय को भारतीय शैली के स्नानागार में बदला गया है और प्रत्येक कोच में तीन शौचालय हैं। हर केबिन में दोनों मिडिल बर्थ को हटाया गया है। प्रत्येक कोच में दो ऑक्सीजन सिलेंडर रखने की व्यवस्था भी की गई है जो केबिन के साइड बर्थ पर मौजूद जगह पर लगाए जाएंगे। हर केबिन में दो बोतल होल्डर और उचित वेंटीलेशन की व्यवस्था के साथ खिड़कियों पर मच्छरदानी लगाया गया है। इन आइसोलेशन बोगियों में गर्मी के प्रभाव को कम करने के लिए भी उपयुक्त प्रबंध किए गए हैं।