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कोविड-19 के कारण मृत कर्मचारियों के स्वजनों के लिए डीवीसी ने शुरू की 'परिवार सहायता योजना'

कोविड-19 के कारण अपने जीवन को गंवाने वाले मृत कर्मचारियों के परिवार के लिए परिवार सहायता योजना लागू इस योजना में मृत कर्मचारियों की पूर्व घोषित सेवानिवृत्ति की तिथि तक विद्यमान कर्मचारियों के आश्रितों के समतुल्य शिशु शिक्षा भत्ता अनुदान तथा चिकित्सा सुविधाएं दिए जाने का प्रावधान है।

By Priti JhaEdited By: Published: Thu, 29 Jul 2021 03:46 PM (IST)Updated: Thu, 29 Jul 2021 03:46 PM (IST)
कोविड-19 के कारण मृत कर्मचारियों के स्वजनों के लिए डीवीसी ने शुरू की 'परिवार सहायता योजना'
कोविड-19 के कारण मृत कर्मचारियों के स्वजनों के लिए डीवीसी ने शुरू की 'परिवार सहायता योजना'

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) ने कोविड-19 महामारी के कारण अपने बहुमूल्य जीवन को गंवाने वाले मृत कर्मचारियों के परिवार के लिए ‘परिवार सहायता योजना’ लागू की है। डीवीसी की ओर से एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि इस योजना में मृत कर्मचारियों की पूर्व घोषित सेवानिवृत्ति की तिथि तक विद्यमान कर्मचारियों के आश्रितों के समतुल्य शिशु शिक्षा भत्ता (होटल सब्सिडी सहित) अनुदान तथा चिकित्सा सुविधाएं दिए जाने का प्रावधान है।

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इसके अतिरिक्त अनुग्रह राशि के भुगतान को पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये तक कर दिया गया है। सीएसआर कार्यकलापों के माध्यम से मृत कर्मचारियों की पत्नी/बच्चे को प्रशिक्षु प्रशिक्षण/आईटीआई तथा कौशल विकास प्रशिक्षण भी दिये जाने के प्रावधान को भी शामिल किया गया है। सेवा के दौरान मृत कर्मचारियों की योग्यता के अनुसार उनके अग्रज पुत्र/पुत्री द्वारा 18 वर्षों की आयु सीमा प्राप्त करने तक डीवीसी के एक केंद्र में आवास धारण किए जाने की सुविधा भी प्रदान की गई है।

उल्लेखनीय है कि डीवीसी ने कोविड-19 की चुनौतियों से उबरते हुए बीते वित्त वर्ष 2020-21 में 38.41 अरब यूनिट से अधिक बिजली का रिकॉर्ड उत्पादन किया है।कंपनी के अधिकारियों ने कहा कि डीवीसी के बिजली घरों तथा पारेषण एवं वितरण (टीएंडडी) नेटवर्क ने महामारी के मुश्किल समय में भी देश को चौबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की। इसके साथ ही उसने यास चक्रवात का भी सफलता के साथ मुकाबला किया। यास चक्रवात ने मई 2021 में बंगाल और झारखंड के बड़े हिस्से को प्रभावित किया था। 


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