कोलकाता में चार टन हल्दी से सजेगा दुर्गा पूजा का पंडाल, जानें क्यों है हल्दी खास
कोलकाता के संतोषपुर लेक पल्ली क्षेत्र में चार टन हल्दी से भव्य पंडाल बनाया-सजाया जा रहा है।
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। दुर्गा पूजन के लिए ख्यात कोलकाता में दुर्गोत्सव की तैयारियां चरम पर हैं। देश के अन्य हिस्सों में भी दुर्गोत्सव को लेकर उत्साह का वातावरण है। जगह-जगह दुर्गापूजा पंडाल बन रहे हैं। बनावट और सजावट को लेकर नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। कोलकाता के संतोषपुर लेक पल्ली क्षेत्र में चार टन हल्दी से भव्य पंडाल बनाया-सजाया जा रहा है।
यहां की पूजा कमेटी के महासचिव सोमनाथ दास ने बताया कि भारतीय परंपरा में हल्दी को शुभ माना जाता है। हल्दी बिना सभी मंगल कार्य अधूरे। दुर्गापूजा शुभ की अशुभ पर जीत का पर्व है। हल्दी एक विष रोधक भी है, जो नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करती है। लिहाजा हमने इस बार दुर्गापूजा पंडाल की थीम को हल्दी पर केंद्रित किया है। श्रद्धालुओं को यह युक्ति अवश्य पसंद आएगी।
इस पूजा पंडाल को तैयार करने में चार टन (4,000 किलोग्राम) शुद्ध हल्दी का इस्तेमाल किया जाएगा, जो गुजरात के ऊंझा से मंगाई जा रही है। इसके लिए वहां की एक मसाला कंपनी के साथ करार किया गया है। कमेटी सदस्यों ने बताया कि जरूरत पड़ने पर हल्दी की मात्रा और बढ़ाई जाएगी। पंडाल बनाने में 80 फीसद सूखी-साबुत हल्दी और 20 फीसद पिसी हल्दी का प्रयोग किया जाएगा। पंडाल के अंदर-बाहर, सब जगह हल्दी ही हल्दी नजर आएगी। पूरा पंडाल इसकी खुशबू से महक उठेगा।
इस अभिनव थीम को मूर्त रूप देने में कारीगर दिन-रात जुटे हुए हैं। सोमनाथ ने दावा किया कि देश में पहली बार हल्दी से किसी पूजा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है।
स्थापित की थी सोने की दुर्गा प्रतिमा
कोलकाता में दुर्गापूजा पंडाल की टॉप-10 थीम्स में शुमार संतोषपुर लेक पल्ली दुर्गापूजा कमेटी ने वर्ष 2015 में अपने पूजा पंडाल में सोने की दुर्गा प्रतिमा विराजमान कर काफी सुर्खियां बटोरी थीं। पूजा आयोजकों को उम्मीद है कि हल्दी से बने पंडाल को देखने भी बड़ी संख्या में लोग उमड़ेंगे। पूजा कमेटी को पंडाल, प्रतिमा समेत विभिन्न श्रेणियों में अब तक 700 से भी ज्यादा पुरस्कार मिल चुके हैं।
पूजा के बाद जरूरतमंदों में बांट दी जाएगी
पूजा कमेटी के अनुसार, दुर्गापूजा के बाद भी पंडाल में लगाई जा रही लगभग 30 फीसद हल्दी इस्तेमाल योग्य रहेगी। पूजा के बाद मसाला कंपनी के सहयोग से उसे जरूरतमंद लोगों में बांट दिया जाएगा। बाकी 70 फीसद का किस तरह से उपयोग किया जा सकता है, इसे लेकर संबंधित संस्थाओं से बात की जा रही है।
लोगों को बताएंगे कि क्यों है हल्दी खास
पूजा कमेटी के सदस्य सोमनाथ का कहना है कि हल्दी के ढेर सारे औषधीय गुणों के बारे में अधिकांश लोगों को पता ही नहीं है। हम अपने पंडाल के जरिए इसके बारे में भी बताएंगे, ताकि लोग इसका फायदा उठा सकें।