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Durga Puja: कोलकाता में दुर्गा पूजा के दौरान चार दिनों तक बंद रहेगा कोविड टीकाकरण, आयोजकों ने खर्च में 30-40 फीसद की कटौती

एक तरफ पूरे देश में त्यौहार के सीजन में कोविड रोधी टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है तो दूसरी तरफ बंगाल की राजधानी कोलकाता में दुर्गा पूजा के दौरान टीकाकरण को बंद रखने का निर्णय लिया गया। कोलकाता नगर निगम में उप प्रशासक अतिन घोष ने यह जानकारी दी।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 03:35 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 03:35 PM (IST)
Durga Puja: कोलकाता में दुर्गा पूजा के दौरान चार दिनों तक बंद रहेगा कोविड टीकाकरण, आयोजकों ने खर्च में 30-40 फीसद की कटौती
कोलकाता में दुर्गा पूजा के दौरान चार दिनों तक बंद रहेगा कोविड टीकाकरण

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : एक तरफ पूरे देश में त्यौहार के सीजन में कोविड रोधी टीकाकरण पर जोर दिया जा रहा है, तो दूसरी तरफ बंगाल की राजधानी कोलकाता में दुर्गा पूजा के दौरान टीकाकरण को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। कोलकाता नगर निगम में उप प्रशासक अतिन घोष ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 12 अक्टूबर को षष्ठी से लेकर 15 अक्टूबर को दशमी तक महानगर में टीकाकरण पूरी तरह से बंद रहेगा। उसके बाद पूर्ववत नियमानुसार सभी को टीके की डोज लगेगी।

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उन्होंने बताया कि कोलकाता में दुर्गा पूजा के दौरान लोगों की भारी भीड़ होती है। ऐसे में प्रशासन के कर्मी लोगों की सुरक्षा और अन्य सुविधाओं को दुरुस्त रखने में व्यस्त रहेंगे। इसीलिए चार दिनों तक टीकाकरण को बंद रखने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा दूसरी वजह यह भी है कि फिलहाल कोलकाता नगर निगम के पास टीके की आपूर्ति कम हुई है जिसके कारण सभी की जरूरतें पूरी नहीं की जा सकेंगी। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा बीतते ही एक बार फिर टीकाकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

बताते चलें कि राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोरोना के प्रसार पर काबू पाने के लिए मास्क पहनने पर जोर देते हुए लोगों से पंडाल में घूमते समय पूरी सावधानी बरतने का लगातार आग्रह कर रही हैं। उन्होंने एक दिन पहले भी कोलकाता में कई दुर्गा पूजा पंडालों के उद्घाटन के मौके पर कहा कि महामारी अभी समाप्त नहीं हुई है। ममता ने कहा कि मैं सभी लोगों से अपील करती हूं कि वे मास्क जरूर पहनें, भले ही उनका टीकाकरण हो गया हो। उन्होंने साफ कहा कि मास्क पहनना सभी के लिए जरूरी है। बता दें कि दुर्गा पूजा के मद्देनजर पूरा बंगाल इस समय उत्सव के रंग में रंग गया है। दुर्गा पूजा बंगाल का सबसे प्रमुख त्योहार है।

कोरोना और आर्थिक मंदी ने लगातार दूसरे साल मंद की दुर्गापूजा की रोशनी

कोरोना महामारी और आर्थिक मंदी ने बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गापूजा की रोशनी लगातार दूसरे साल मंद कर दी है। पूजा आयोजकों ने अपने बजट में इस बार भी कटौती की है। सिर्फ छोटे बजट वाली पूजा कमेटियों ने ही नहीं, बडे़ पूजा आयोजकों ने भी अपने खर्च में लगभग 30-40 फीसद की कटौती की है।

कालेज स्क्वायर दुर्गापूजा समिति के प्रवक्ता बवकास मजुमदार ने बताया-'2019 के 50 लाख रुपये की तुलना में उनके बजट में कम से कम 40 फीसद की कटौती की गई है क्योंकि कार्पोरेट प्रायोजक कम हैं और बाजार में पहले जैसी तेजी भी नहीं है लेकिन हम हमारी पूजा को बंद नहीं कर सकते क्योंकि कई लोगों की आजीविका इसपर निर्भर करती है।' वहीं सुरुचि संघ ने भी अपने बजट में लगभग 30-40 फीसद की कटौती करने का फैसला किया है। क्लब के एक अधिकारी ने बताया-'हमने प्रायोजकों की कमी के कारण इस साल अपने बजट में लगभग 30-40 फीसद की कटौती की है।

मोहम्मद अली पार्क दुर्गापूजा समिति के महासचिव सुरेंद्र कुमार शर्मा ने कहा-'हमारा बजट कोरोना से पहले 60 लाख रुपये हुआ करता था, जिसे घटाकर लगभग 12-13 लाख रुपये कर दिया गया है। बजट कम होने के कारण हमने अपनी प्रचार गतिविधियों में भी कटौती की है। फोरम फार दुर्गोत्सव के अध्यक्ष काजल सरकार ने कहा कि जिन प्रायोजकों ने निवेश करने की इच्छा व्यक्त की है, उन्होंने राशि में कटौती की है। दान, सदस्यता और विज्ञापन लगभग 30 फीसद खर्च कवर करते हैं, बाकी कार्पोरेट फंडिंग से जुटाई जाती है, जो पिछले साल नगण्य रही थी। इस साल स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन प्रायोजकों ने राशि में कटौती की है।


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