Durga Puja bengal: दुर्गा पूजा के आयोजन पर एनजीटी की कड़ी नजर, प्रतिमा विसर्जन के लिए बनाया एक्शन प्लान
बंगाल में दुर्गा पूजा के आयोजन पर नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) की कड़ी नजर है। दुर्गा पूजा आयोजन के दौरान प्रदूषण के मामले में एनजीटी ने एक दिशा निर्देश जारी किया है और सभी पूजा आयोजकों को उन निर्देशों के सख्ती से पालन के निर्देश दिए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में दुर्गा पूजा के आयोजन पर नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) की कड़ी नजर है। दुर्गा पूजा आयोजन के दौरान प्रदूषण के मामले में एनजीटी ने एक दिशा निर्देश जारी किया है और सभी पूजा आयोजकों को उन निर्देशों के सख्ती से पालन के निर्देश दिए गए हैं। प्रतिमा विसर्जन के मामले में एनजीटी ने एक एक्शन प्लान बनाया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की गाइड लाइन और इस बाबत विभिन्न समयों पर दिए गए एनजीटी के आदेश के मद्देनजर यह कार्ययोजना बनाई गई है। सभी पूजा कमेटियों को इस पर सख्ती के साथ अमल करना पड़ेगा। गंगा और अन्य वाटर बाडिज को प्रदूषण से बचाने के लिहाज से यह फैसला लिया गया है।
तय सीमा में ही करना होगा विसर्जन
प्रशासन और पुलिस उन घाटों की पहचान करेगी जहां प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाना है। प्रत्येक प्रतिमा का विसर्जन निर्धारित समयसीमा के अंदर ही करना पड़ेगा जिसे प्रशासन और पुलिस ने तय कर दिया है। विसर्जन के लिए निर्धारित प्रत्येक घाट पर ठोस कचरे मसलन फूल, कपड़े और सजावट के अन्य सामान एक अलग स्थान पर एकत्र किए जाएंगे और उन्हें लारी या ट्रक से 24 घंटे के अंदर डंपिंग ग्राउंड में डालना पड़ेगा। सभी प्रमुख घाटों पर क्रेन, पैंटूम और बार्ज की व्यवस्था करनी पड़ेगी। प्रतिमा के विसर्जन के बाद उसे नदी से बाहर निकाल लेना पड़ेगा। इसके अलावा प्रतिमा के विसर्जन से पहले प्लास्टिक आदि के जो सरोसामान हैं उन्हें अलग कर लेना पड़ेगा। प्रत्येक पूजा कमेटी को पहले ही एक घोषणापत्र भी देना पड़ा है जिसमें कहा गया है कि प्रतिमा के निर्माण में प्लास्टर आफ पेरिस (पीओपी) और डाई एवं केमिकल रंगों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
पूजा पंडालों में उमड़ रही है भीड़
इस साल पिछली बार की तुलना में हालात बेहतर हैं इसलिए लोग बंगाल के सबसे बड़े पर्व का ज्यादा से ज्यादा लुफ्त उठाना चाह रहे हैं। पंचमी के दिन से ही कोलकाता के समस्त पूजा पंडालों में दर्शनार्थियों की भारी भीड़ देखी जा रही है।