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Durga Puja 2022: सौरभ गांगुली ने कोलकाता में किया दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन, लार्डस स्‍टेडियम है इस बार का थीम

Durga Puja 2022 सौरभ गांगुली ने कोलकाता के एक पूजा पंडाल का उद्घाटन किया जो इस बार क्रिकेट स्‍टेडियम लार्डस पर आधारित है। मालूम हो कि गांगुली ने इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में टीम इंडिया की जीत पर शर्ट खोलकर हवा में लहराया था जो एक यादगार पल है।

By JagranEdited By: Arijita SenPublished: Wed, 28 Sep 2022 10:00 AM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 10:00 AM (IST)
Durga Puja 2022: सौरभ गांगुली ने कोलकाता में किया दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन, लार्डस स्‍टेडियम है इस बार का थीम
सौरभ गांगुली  ने कोलकाता में किया दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन

कोलकाता, एजेंसी। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के अध्यक्ष सौरभ गांगुली (Sourav Ganguly) ने मंगलवार को कोलकाता में एक दुर्गा पूजा पंडाल (Durga Puja Pandal) का उद्घाटन किया। भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व कप्‍तान गांगुली इस दिन शाम को शहर के गडि़या इलाके में स्थित मिताली संघ कम्‍युनिटी पूजा पंडाल पहुंचे हुए थे। गांगुली को ध्‍यान में रखते हुए पूजा समिति ने यहां लंदन में स्थित क्रिकेट स्‍टेडियम लार्डस (Lord's) के पवेलियन की एक प्रतिकृति बनाई है।

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मालूम हो कि हिंदुओं के प्रमुख त्‍यौहारों में से एक दुर्गा पूजा को दुर्गोत्‍सव या शारदोत्‍सव के नाम से भी जाना जाता है। यह वार्षिक तौर पर मनाया जाने वाला एक उत्‍सव है, जिसमें भक्‍तजन देवी दुर्गा की आराधना करते हैं और महिषासुर पर उनकी जीत का जश्‍न मनाते हैं। 

गौरतलब है कि स्‍वर्ग लोक में महिषासुर के अत्‍याचार से सभी देवता बेहद परेशान थे और किसी के लिए भी उन्‍हें हराना संभव नहीं हो पा रहा था। ऐसे में ब्रह्माजी के कहने पर सभी देवताओं ने अपने-अपने तेज से एक शक्ति प्रकट की और ये शक्ति ही मां दुर्गा थीं।

मां दुर्गा की दस भुजाएं हैं और हर भुजा में अलग-अलग देवताओं के दिए गए शस्‍त्र हैं, जिनसे मां ने महिषासुर का वध किया। दुर्गा पूजा सदियों से भारतीय संस्‍कृति का एक अहम हिस्‍सा रहा है। इसे हिंदु धर्म के अलग-अलग संप्रदायों से जुड़े लोग अपने-अपने ढंग से मनाते हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं में इस बात का जिक्र है कि इस दौरान मां दुर्गा कैलाश पर्वत में अपने ससुराल से धरती पर अपने मायके आती हैं। इस दौरान अपने भक्‍तजनों को वह आशीर्वाद देती हैं। 

बंगाली समुदाय के लिए यह एक बड़ा त्‍यौहार है। ये इन्‍हें विशेष रूप से षष्‍ठी से मनाते हैं, जिसकी तिथि इस बार 1 अक्‍टूबर है और विजयादशमी 5 अक्‍टूबर को है। मालूम हो कि दुर्गा पूजा महज किसी समुदाय विशेष तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह दया, सहानुभूति, भाइचारे, कला और संस्‍कृति का प्रतीक है।

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