सीडीएस रावत के निधन के चलते इस बार कोलकाता में बेहद सादगी से मनेगा 50वां विजय दिवस समारोह
Vijay Diwas celebration 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक विजय के उपलक्ष्य में हर साल सेना की ओर से कोलकाता में बेहद धूमधाम से मनाया जाने वाला विजय दिवस समारोह इस बार बेहद सादगी से मनाया जाएगा।
राजीव कुमार झा, कोलकाता : 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर मिली ऐतिहासिक विजय के उपलक्ष्य में हर साल सेना की ओर से कोलकाता में बेहद धूमधाम से मनाया जाने वाला विजय दिवस समारोह इस बार बेहद सादगी से मनाया जाएगा। हाल में तमिलनाडु में हेलीकाप्टर हादसे में देश के पहले चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत समेत अन्य सैन्य अधिकारियों के निधन के कारण सादगी से मनाने का निर्णय लिया गया है। नतीजतन 16 दिसंबर को 50वें विजय दिवस से एक दिन पहले कोलकाता में होने वाले एयर शो और मिलिट्री टैटू को भी अंतिम समय में रद कर दिया गया।
इस बार सिर्फ एक दिन का समारोह होगा जब विजय दिवस पर यहां गुरुवार सुबह सबसे पहले पूर्वी कमान मुख्यालय फोर्ट विलियम में विजय स्मारक पर 1971 के युद्धवीरों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी। पूर्वी कमान के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसके बाद शाम में विक्टोरिया मेमोरियल हाल में स्वर्णिम विजय गाथा कार्यक्रम होगा। इसमें सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने के भी शिरकत करने की बात है। विजय गाथा कार्यक्रम में लाइट एंड साउंड शो व बैंड कंसर्ट आदि के जरिए 1971 के योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी, जिन्होंने पाकिस्तानी सैनिकों के दांत खट्टे कर दिए थे।
पहले हर साल तीन-चार दिनों तक मनाया जाता रहा है विजय दिवस समारोह
बता दें कि पहले हर साल सेना की ओर से कोलकाता में 12-13 दिसंबर से ही तीन-चार दिनों तक विजय दिवस समारोह मनाया जाता था। इसके तहत शानदार मिलिट्री टैटू, एयर शो, मिलिट्री बैंड कंसर्ट आदि विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए भारतीय सेना 1971 के योद्धाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करने के साथ अपनी ताकत और क्षमता का प्रदर्शन करती रही है।
इस बार 1971 के मुक्ति युद्ध में मिली विजय के 50 साल पूरे हो रहे हैं, ऐसे में और भव्य तरीके से विजय दिवस समारोह यहां मनाने की तैयारी थी, लेकिन कुछ दिनों पहले दुर्भाग्यपूर्ण हेलीकाप्टर दुर्घटना में सीडीएस समेत अन्य अधिकारियों के निधन की घटना के बाद इसे सादगी से मनाने का निर्णय लिया गया।
पूर्वी कमान के ही नेतृत्व में लड़ा गया था 1971 का युद्ध
बता दें कि पूर्वी सेना कमान के नेतृत्व में ही 1971 का युद्ध लड़ा गया था। ऐसे में पूर्वी कमान के लिए 1971 के युद्ध में शानदार जीत को याद करने के लिए विजय दिवस सबसे खास कार्यक्रम है। 1971 में कई दिनों तक चले युद्ध के बाद भारतीय सेना के सामने पाकिस्तान के 93,000 सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। इसी युद्ध के बाद पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया था और बांग्लादेश के रूप में एक नए देश का उदय हुआ था। भारतीय सेना इसकी याद में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाती है।