कोलकाता में सप्ताह के पहले कार्य दिवस पर 24 घंटे की हड़ताल पर रहे पीली टैक्सियों के चालक, राहगीरों को परेशानी
कोलकाता में टैक्सी चालकों की हड़ताल सड़कों से नदारद रहीं 12000 टैक्सियां। राहगीरों को सप्ताह के पहले कार्य दिवस पर ही परेशानी का सामना करना पड़ा। (एटक) के आह्वान पर 24 घंटे की टैक्सी हड़ताल बुलाई गई थी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सप्ताह के पहले कार्य दिवस पर ही राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। बसें पहले से ही कम चल रही हैं। एप कैब की संख्या भी कम है। उसपर सोमवार को 12,000 पीली टैक्सियां भी कोलकाता की सड़कों से नदारद रहीं। वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-ऑर्डिनेशन कमेटी (एटक) के आह्वान पर 24 घंटे की टैक्सी हड़ताल बुलाई गई थी।
अपरान्ह तीन बजे तक परिवहन भवन के सामने धरना
टैक्सी संगठन की ओर से इस दिन दोपहर 12 बजे से अपरान्ह तीन बजे तक परिवहन भवन के सामने धरना भी दिया गया। इसके बाद संगठन के अधिकारियों ने परिवहन विभाग के वरिष्ठ पदाधिकारियों को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा।
अविलंब पीली टैक्सियों का किराया बढ़ाने की जरूरत
वेस्ट बंगाल टैक्सी ऑपरेटर्स को-ऑर्डिनेशन कमेटी (एटक) के संयोजक नवल किशोर श्रीवास्तव ने बताया-'कोरोना महामारी के कारण टैक्सी चालकों की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है। अविलंब पीली टैक्सियों का किराया बढ़ाने की जरूरत है। हमने इस बाबत कई बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी व परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी को पत्र लिखा लेकिन उनकी तरफ से कोई पहल नहीं की गई। बाध्य होकर हमें यह कदम उठाना पड़ा।'
सरकार टैक्सी का किराया बढ़ाने पर ध्यान नहीं दे रही
श्रीवास्तव ने आगे कहा-'तेल के दाम तेजी से बढ़ते जा रहे हैं जबकि राज्य सरकार टैक्सी का किराया बढ़ाने पर ध्यान नहीं दे रही। हम चाहते हैं कि पहले दो किलोमीटर का किराया 30 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये कर दिया जाए और उसके बाद प्रति दो किलोमीटर के लिए 15 रुपये के बदले 30 रुपये किराया निर्धारित किया जाए।'