ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी ने कहा- 'बसंती' का किरदार आज भी नारी सशक्तीकरण का प्रतीक है
हिंदी सिनेमा जगत की सबसे मशहूर फिल्मों में शुमार शोले में बसंती का किरदार आज भी महिला सशक्तीकरण का प्रतीक है।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। हिंदी सिनेमा जगत की सबसे मशहूर फिल्मों में शुमार 'शोले' में 'बसंती' का किरदार आज भी महिला सशक्तीकरण का प्रतीक है। 'इंफोकॉम 2018' में शिरकत करने आईं बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल एवं भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा-'बसंती बॉलीवुड का पहला ऐसा महिला किरदार है, जिसे घोड़ा गाड़ी चलाते दिखाया गया। मैं जब प्रचार करने जाती हूं तो वहां मौजूद महिलाओं से कहती हूं कि उनका योगदान टांगेवाली बसंती से कम नहीं है।
महिलाएं कड़ी मेहनत करती हैं। आदिवासी महिलाएं तो अथक परिश्रम करती हैं।' हेमा ने आगे कहा-'मैंने बहुत सी फिल्मों में काम किया है, लेकिन लोगों को शोले सबसे ज्यादा याद है। बसंती का किरदार बहुत मशहूर है। जब मैं डांस शो में 70,000 लोगों के बीच जाती हूं तो वे बसंती को परफार्म करते देखना चाहते हैं लेकिन मैं जब प्रचार के लिए जाती हूं तो लोग मुझे बॉलीवुड अभिनेत्री के तौर पर देखते हैं।
हेमा ने बताया-'लाल पत्थर मेरी सर्वोत्तम फिल्मों में से एक है, हालांकि मैंने पहले इस फिल्म को ठुकरा दिया था लेकिन इस फिल्म के लिए हस्ताक्षरित किए गए अभिनेता राजकुमार जी ने मेरे घर आकर मुझे इस फिल्म में काम करने के लिए राजी किया था।' हेमा को महान फिल्मकार सत्यजीत रे के साथ काम नहीं करने का मलाल है। उन्होंने कहा-'मुझे उनके साथ काम करने का मौका नहीं मिला। अगर उन्होंने मुझे कोई रोल दिया होता तो मैं उसे जरूर स्वीकार करती।'