हाईकोर्ट ने पूछा, एनआरएस कांड पर सरकार ने क्या कदम उठाए
-हड़ताली डॉक्टर्स को हाईकोर्ट ने याद दिलाई शपथ -अंतरिम आदेश देने से इन्कार कोर्ट ने मांगी
-हड़ताली डॉक्टर्स को हाईकोर्ट ने याद दिलाई शपथ
-अंतरिम आदेश देने से इन्कार, कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट, 21 को होगी सुनवाई
जासं, कोलकाता: जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनाई करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पूछा है कि राज्य सरकार ने नील रतन सरकार मेडिकल कॉलेज अस्पताल कांड को लेकर क्या कदम उठाए हैं। वहीं घटना के विरोध में सरकारी अस्पतालों के कनिष्ठ चिकित्सकों की हड़ताल पर कोई अंतरिम आदेश देने से इन्कार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन की खंडपीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह हड़ताल कर रहे चिकित्सकों को काम पर लौटने और मरीजों को सामान्य सेवाएं देने के लिए राजी करें।
अदालत ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार को यह भी निर्देश दिया कि वह सोमवार रात को शहर के एक अस्पताल में कनिष्ठ चिकित्सकों पर हमले के बाद उठाए गए कदमों के बारे में उसे बताए।
जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने हड़ताल कर रहे चिकित्सकों को याद दिलाया कि उन्होंने सभी मरीजों की भलाई सुनिश्चित करने की शपथ ली थी। साथ ही राज्य सरकार को इस मामले में रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है। कोर्ट का कहना है कि मामले की एक फुल रिपोर्ट सबमिट की जाए। पीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 21 जून को करेगी।
बता दें कि बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल चौथे दिन भी जारी है। हड़ताल के कारण सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों तथा कई निजी अस्पतालों में नियमित सेवा प्रभावित हो रही है। हालाकि, नील रतन सरकार (एनआरएस) मेडिकल कॉलेज और अस्पताल सहित एक या दो अस्पतालों में आपात सेवा शुक्रवार सुबह में उपलब्ध रही।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा फिर से सेवा शुरू नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दिए जाने के बावजूद जूनियर डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल जारी रखी है। सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों तथा कई निजी मेडिकल संस्थानों में ओपीडी और अन्य विभागों में सेवाएं पूरी तरह बाधित है।