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कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर छिड़ी बहस

भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर देशभर में बहस छिड़ गई है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 07:00 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 07:00 AM (IST)
कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर छिड़ी बहस
कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर छिड़ी बहस

जागरण संवाददाता, कोलकाता : भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं प्रदेश भाजपा के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के बयान पर देशभर में बहस छिड़ गई है। उन्होंने नागरिकता की पहचान को लेकर अजीब बयान दिया है। उन्होंने इंदौर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा है कि 'श्रमिकों के पोहा खाने के तरीके से मैं समझ गया कि वे बाग्लादेशी हैं।' विजयवर्गीय ने कहा-'कुछ दिन पहले मेरे घर में एक कमरे के निर्माण का काम चल रहा था तो कुछ मजदूरों के भोजन करने का तरीका मुझे अजीब लगा। वे केवल पोहा (चूड़ा से बना भोजन) खा रहे थे। मैंने उनके सुपरवाइजर से बात की और पूछा कि क्या ये बाग्लादेशी हैं? उसके बाद दो दिन कोई भी मजदूर काम पर नहीं आया।मैंने अभी तक इस मामले में शिकायत दर्ज नहीं कराई है, लेकिन लोग सतर्क रहें। घुसपैठिए देश का माहौल बिगाड़ रहे हैं।' इसके पहले सीएए के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि 'पोशाक देखने से ही पता चलता है कि कौन हिंसा फैला रहे हैं। पीएम मोदी के बाद अब उनकी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने अजीबोगरीब बयान दिया है, जिसे लेकर देशभर में बहस हो रही है। राज्य की मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने विजयवर्गीय के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि चूड़ा से प्रसाद बनता है। पीएम मोदी पोशाक और विजयवर्गीय भोजन देखकर लोगों की पहचान करते हैं। ऐसे बयान भाजपा के सांस्कृतिक बोध पर सवाल है।

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