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West Bengal: बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से बड़ी दुश्मन है भाजपा: दीपांकर भट्टाचार्य

Dipankar Bhattacharya भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस और भगवा दल को एक ही खाने में नहीं रखा जा सकता है। वाम और कांग्रेस को बंगाल में पहले ‘सबसे बड़े खतरे’ का मुकाबला करना चाहिए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 21 Nov 2020 03:08 PM (IST)Updated: Sat, 21 Nov 2020 03:08 PM (IST)
West Bengal: बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से बड़ी दुश्मन है भाजपा: दीपांकर भट्टाचार्य
दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा, बंगाल में तृणमूल कांग्रेस से बड़ी दुश्मन है भाजपा। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Dipankar Bhattacharya: बंगाल में भाजपा को ‘राजनीतिक दुश्मन नंबर एक’ करार देते हुए भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने शनिवार को कहा कि तृणमूल कांग्रेस और भगवा दल को एक ही खाने में नहीं रखा जा सकता। साथ ही, उन्होंने कहा कि वाम और कांग्रेस को बंगाल में पहले ‘सबसे बड़े खतरे’ का मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि बंगाल में ‘विभाजनकारी ताकतों’ का मुकाबला करने के लिए माकपा में ‘भाजपा विरोधी आक्रमकता’ की कमी है। भट्टाचार्य ने इसके साथ ही कहा कि कांग्रेस को इन दोनों पार्टियों के गठबंधन में प्रमुख भूमिका नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि इससे वामदल को बहुत लाभ नहीं होगा। उन्होंने दावा किया कि भगवा दल का सामना करना इस समय देश के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने सभी लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों का आह्वान किया कि अगले साल अप्रैल-मई महीने में होने वाले बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा को ‘प्रधान राजनीतिक दुश्मन’ के तौर पर लें।

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तृणमूल कांग्रेस की कार्यप्रणाली ठीक नहीं

उन्होंने कहा, 'बिहार के विपरीत, जहां केंद्र और राज्य में एक ही गठबंधन की सरकार थी, बंगाल की स्थिति अलग है जहां तृणमूल कांग्रेस सत्ता में है। तृणमूल कांग्रेस की कार्यप्रणाली ठीक नहीं है और हमें उसका भी विरोध करना होगा।' भट्टाचार्य ने एक न्यूज़ एजेंसी को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा को एक ही खाने में नहीं रखा जा सकता। बंगाल में भाजपा को प्रधान राजनीतिक शत्रु के रूप में पहचान की जानी चाहिए।’

भगवा पार्टी बड़ा खतरा है

भट्टाचार्य ने कहा कि अगर राज्य में गैर भाजपा सरकार है जो कुशासन और भ्रष्टाचार से घिरी हुई है, इसके बावजूद लोगों को भगवा दल का विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मुख्य ध्यान भाजपा पर होना चाहिए। भगवा पार्टी बड़ा खतरा है।’ उन्होंने रेखांकित किया कि जब लालू प्रसाद यादव नीत पार्टी बिहार की सत्ता में थी तब माकपा (माले) लिब्रेशन राजद के साथ-साथ भगवा दल के खिलाफ लड़ी थी।

तृणमूल कांग्रेस से मुकाबला

माकपा के कुछ नेताओं द्वारा तृणमूल कांग्रेस को पहले हराने संबंधी बयान पर भट्टाचार्य ने कहा कि यह अव्यावहारिक रुख है। उन्होंने कहा, ‘अगर आप इस सिद्धांत के साथ जाते हैं कि भाजपा का मुकाबला करने के लिए पहले तृणमूल कांग्रेस को हराना चाहिए तब तो इस समय केंद्र सरकार का विरोध करने की जरूरत नहीं है। हमें भाजपा को सभी राज्यों में आने का इंतजार करना चाहिए और इसके बाद विरोध शुरू करना चाहिए। यह अव्यावहारिक रुख है।’ उन्होंने कहा, ‘बंगाल में भाजपा वाम दलों और पूरे लोकतांत्रिक ढांचे के लिए बड़ा खतरा है।’


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