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दमदम के गोराबाजार में भीषण आग, 150 दुकानें जलकर खाक, दो की मौत

कोलकाता दमदम के गोराबाजार में रविवार देर रात अचानक लगी आग में 150 से अधिक दुकानें जलकर राख हो गईं, जबकि दो लोगों की मौत हो गई।

By Preeti jhaEdited By: Published: Mon, 22 Jan 2018 04:08 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jan 2018 04:41 PM (IST)
दमदम के गोराबाजार में भीषण आग, 150 दुकानें जलकर खाक, दो की मौत
दमदम के गोराबाजार में भीषण आग, 150 दुकानें जलकर खाक, दो की मौत

कोलकाता, [जागरण संवाददाता] । कोलकाता महानगर सटे दमदम के गोराबाजार में रविवार देर रात अचानक लगी आग में 150 से अधिक दुकानें जलकर राख हो गईं, जबकि दो लोगों की मौत हो गई। मृतक का नाम सुनील व विक्की सिंह बताया गया है।

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हालांकि, नूर मोहम्मद नामक एक अन्य दुकानदार के बारे में कुछ पता नहीं चल पा रहा है। रात के करीब 1.40 बजे आग लगी थी। इससे पहले कि आग को बुझाने की कोशिश होती, प्लास्टिक व अन्य ज्वलनशील पदार्थ भारी मात्रा में मौजूद रहने की वजह से पूरा बाजार चपेट में आ गया। अग्निकांड की अग्निशमन व पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। बताया जाता है कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगने की बात कही जा रही है, हालांकि, इस घटना में साजिश होने की बातें भी सामने आ रही है। जिसमें बाजार दुकान में सो रहे दो लोगों की मौत हुई है। हालांकि आग से कितने की संपत्ति नष्ट हुई है इसका फिलहाल पता नहीं चला है।

उधर आग की चपेट में आने से राष्ट्रीयकृत बैंक की एक शाखा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। बताया गया है कि बैंक में रखे दस्तावेज व कंप्यूटर, फर्निचर सब जल गए हैं। हालांकि, बैंक को हुए नुकसान का आकलन अभी नहीं हो पाया है। 

स्थानीय लोगों का कहना है कि सूचना देने के लगभग एक घंटे बाद अग्निशमन गाड़ियां मौके पर पहुंची। यही वजह है कि इतना ज्यादा नुकसान हुआ। दमकल के 2२ वाहनों को इस आग पर काबू करने में करीब सात घंटे लग गए। फायर ब्रिगेड के अधिकारी ने बताया कि आग शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी। गोराबाजार में आग बुझाने के उपकरण भी नहीं थे। यदि अग्निशमन की व्यवस्था होती, तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता।दूसरी तरफ, व्यवसायियों का आरोप है कि दमकल विभाग को खबर देने के एक घंटे बाद अग्निशमन विभाग के वाहन गोराबाजार पहुंचे। समय पर दमकल वाहन पहुंच जाते, तो नुकसान कम होता। शायद दो लोगों की जान भी नहीं जाती। लोगों ने बताया कि रविवार की देर रात सबसे पहले एक पहरेदार ने एक दुकान से धुंआ निकलते देखा? उसने इसकी जानकारी अग्निशमन विभाग को दी, जब तक अग्निशमन इंजन पहुंचे, आग बेकाबू हो चुका था। 

बहरहाल, अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने उनके विभाग पर लग रहे आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि जिस जगह आग लगी थी, वहां रास्ता काफी संकरा है। इसकी वजह से दमकल वाहनों को वहां लाने में काफी समय लगा। हालांकि, दमकल की गाड़ियां आने के बाद स्थानीय लोगों ने भी उनके साथ मिलकर आग बुझाना शुरू कर दिया। आग को काबू करने के लिए धोबिया तालब से जल लेना पड़ा। सुबह आठ बजे तक आग पर काफी हद तक काबू पा लिया था। घटना के बाद मौके पर दमदम नगर पालिका के चेयरमैन के अलावे स्थानीय विधायक व मंत्री ब्रात्य बसु भी मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। नपा चेयरमैन कहा है कि सरकार छोटे दुकानदारों को हर तरह से मदद करेगी।

वर्ष 2006 में भी हो चुका है अग्निकांड 

इस गोराबाजार में वर्ष 2006 में भी भीषण अग्निकांड हुआ था जिसमें पूरा बाजार जल गया था क्योंकि, उस वक्त बाजार का शेड लकड़ी व प्लास्टिक का था। इसके बाद उसे स्पेस्टस व सीमेंट के पिलर से बनाया गया था। परंतु, अग्निशमन को कोई बंदोबस्त नहीं किया गया था।   


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