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भागवत कथा साक्षात भगवान कृष्ण ही हैं : देवकीनंदन ठाकुर

- सॉल्टलेक के सीडी पार्क में 9 से 15 फरवरी तक भागवत कथा का हुआ आयोजन बढ़-चढ़कर भ

By JagranEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 07:57 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 06:17 AM (IST)
भागवत कथा साक्षात भगवान कृष्ण ही हैं : देवकीनंदन ठाकुर
भागवत कथा साक्षात भगवान कृष्ण ही हैं : देवकीनंदन ठाकुर

- सॉल्टलेक के सीडी पार्क में 9 से 15 फरवरी तक भागवत कथा का हुआ आयोजन, बढ़-चढ़कर भक्तों ने लिया हिस्सा। जागरण संवाददाता, कोलकाता : श्रीमद् भागवत कथा साक्षात भगवान श्री कृष्ण ही हैं। जो सात दिन विधि-विधान से श्रीमद् भागवत कथा सुने, उसे मुक्ति मिल जाती है, अगर वह कुछ और न चाहे तो। कितनी बड़ी बात है कि मानव जीवन का उद्देश्य मात्र सात दिन में पूरा हो सकता है। अगर व्यक्ति मन लगाकर श्रीमद् भागवत कथा अपने चित्त में धारण कर ले। मुक्ति प्राप्त कराने वाला ये ग्रंथ साक्षात श्रीकृष्ण ही है। विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में सॉल्टलेक के सीडी पार्क में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन शनिवार को देश के जाने-माने कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने ये बातें कहीं। महाराज ने कहा कि भागवत में और कृष्ण में कोई अंतर नहीं है। कलिकाल में पुराणरूपी कृष्ण हम सबके समस्त पापों का हरण करने के लिए भागवत के रूप में विराजमान हैं। वो जीव कितने अभागे हैं जो ईश्वर को त्यागकर संसार के बंधनों में फंसे पड़े हैं। जीवन का एक सत्य समझ लीजिए, इस संसार में आपने जब तक जो भी कमाया है वो सब यहीं रह जाना है। खाली हाथ जाना है। लेकिन, हमारे शास्त्र ऐसा कहते हैं तुम्हारे पास जितनी लक्ष्मी है आएगी-जाएगी। तुम्हारा शरीर हर एक दिन बदल रहा है। हर एक चीज यहां पर छूट जानी है। मात्र धर्म की तुम्हारे साथ जाएगा और कोई तुम्हारे साथ नहीं जाएगा। इसलिए धर्म युक्त होकर जीवन के उद्देश्य बना लो। महाराज ने आगे कहा कि बहुत से लोग कहते हैं कि घर में पड़े-पड़े हम उब जाते हैं, घूमने जाना चाहिए। जरूरी है कि घूमने सिर्फ यूरोप ही जाना चाहिए? महाराज ने कहा, भारत में जन्मे व्यक्ति को घूमने के लिए कहीं जाने की आवश्यकता नहीं है। अगर भारत में जन्मे व्यक्ति ईमानदारी से अपना जीवन पवित्र करना चाहते हैं, तो जहां-जहां अपने तीर्थ हैं सिर्फ वहीं-वहीं जाएं। उतने में ही उनका बेड़ा पार है। देश-विदेश में भ्रमण करने की कोई आवश्यकता नहीं है। कथा के सातवें दिन महाराज ने श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता सुंदर वर्णन किया। अंतिम दिन हजारों की संख्या में भक्तों ने कथा का श्रवण किया। कथा की शुरुआत भागवत आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। नौ फरवरी से शुरू यह भागवत कथा 15 फरवरी तक चला। कथा के मुख्य यजमान स्नेही मोटर्स के प्रमुख गोपाल स्नेही व उनका परिवार थे। गोपाल स्नेही सहित उनकी पत्‍‌नी लता स्नेही, पुत्र अमित स्नेही व सुमित स्नेही सहित पूरे परिवार के सदस्यों ने भक्ति भाव से कथा का श्रवण किया। कथा के बाद प्रतिदिन शाम में यहां स्नेही परिवार की ओर से हजारों भक्तों के बीच प्रसाद भोजन का भी वितरण किया गया। लोगों ने बढ़-चढ़ कर भागवत कथा आनंद उठाया।

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