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अभिमान करोगो तो सबकुछ बेकार हो जाएगा : देवकीनंदन

पद प्रतिष्ठा मिलने पर अभिमान नहीं करना चाहिए।

By JagranEdited By: Published: Fri, 14 Feb 2020 09:15 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 09:15 PM (IST)
अभिमान करोगो तो सबकुछ बेकार हो जाएगा : देवकीनंदन
अभिमान करोगो तो सबकुछ बेकार हो जाएगा : देवकीनंदन

जागरण संवाददाता, कोलकाता : पद प्रतिष्ठा मिलने पर अभिमान नहीं करना चाहिए। अभिमान करोगे तो सबकुछ बेकार हो जाएगा। करोड़ों जन्म निकलने के बाद भी हमें अपने कर्मो का फल भोगना ही पड़ेगा, चाहे वह अच्छा हो गया बुरा हो। विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में सॉल्टलेक के सीडी पार्क में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन जाने-माने कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज ने ये बातें कहीं। गुरुवार को महाराज ने पुतना उद्धार एवं श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का सुंदर वर्णन किया। उन्होंने कथा की शुरुआत में कहा कि विप्र, वेदों, साधू-संतों की निंदा करना व गायों पर अत्याचार करने वाला व्यक्ति भगवान को अप्रिय हैं। जो लोग मनगढ़ंत धर्म को, मान्यताओं को मानते हैं और वेदों को नहीं मानते हैं वो लोग भी भगवान को अप्रिय हैं। उन्होंने कहा कि हमारे धर्म को विक्षिप्त करने की तमाम कोशिश वॉलीवुड द्वारा की गई। धर्म के खिलाफ फिल्मों में इसीलिए गलत दिखाया जाता है क्योंकि हम उसके खिलाफ आवाज नहीं उठाते। हम अपने धर्म के प्रति समर्पित नहीं है। यदि धर्म चला गया तो हमारा अस्तित्व भी समाप्त हो जाएगा। महाराज ने कहा कि हमारे घर में बच्चे भजन या पूजा-पाठ नहीं कर रहे हैं, क्योंकि हम स्वयं नहीं करते हैं इसलिए वो क्या करेंगे। आजकल कोई कह दें कि मैं भजन या पूजा-पाठ करते हैं तो उसे बड़े आश्चर्य से लोग देखते हैं। आजकल हम माथे पर तिलक भी नहीं लगाते हैं ना ही गले में तुलसी की माला डालते हैं क्योंकि हमें डर है कि लोग क्या कहेंगे? हमे ये सोचना होगा कि हमें लोगों के लिए जीना है या फिर अपने भगवान श्री कृष्ण के लिए। महाराज ने आगे कहा कि आजकल का समय देखिए, जिस घर में गाय पलती थी उस घर में आज लोग कुत्ते पालने लग गए हैं, इससे बड़ा दुर्भाग्य और क्या हो सकता है। यदि गाय की बात कर दी जाए तो हम सेक्युलर नहीं रहते। यदि हम गाय को कटने दें तो हम सेक्युलर हैं और यदि उसकी हिफाजत के लिए बोल दें तो हम सेक्युलर नहीं हैं। महाराज ने कहा कि हमे हमारे वेदों व पुराणों में सिखाया गया है कि ब्राह्वाण, गाय, साधु-संतों का, धर्म का सम्मान करना है। जीव मात्र पर दया करने का स्वभाव हमारा होना चाहिए। मात्र अपने परिवार तक सीमित नहीं होना चाहिए। पृथ्वी पर संपूर्ण मानव और समस्त जीव पर दया होनी चाहिए। जब हम सभी के प्रति अपने हृदय में दया का भाव रखते हैं तो भगवान नारायण हमारा कल्याण करते हैं। पांचवें दिन हजारों की संख्या में पहुंचे भक्तों ने कथा का श्रवण किया। नौ फरवरी से शुरू यह भागवत कथा 15 फरवरी, शनिवार को संपन्न होगा। कथा के मुख्य यजमान स्नेही मोटर्स के प्रमुख गोपाल स्नेही हैं। कथा के बाद प्रतिदिन शाम में यहां हजारों भक्तों के बीच प्रसाद भोजन का भी वितरण किया जा रहा है।

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