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निषेधाज्ञा के बावजूद पटाखों की बिक्री पर हाईकोर्ट ने प्रशासन को लगाई फटकार, भीड़ नियंत्रित करने के रवैये पर नाराजगी

छठ पूजा पर उमड़ने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर लचर रवैये पर भी जताई नाराजगी। दूसरी तरफ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने अदालत से छठ पूजा की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जरुरत पड़ने पर धारा 144 लगाने का अनुरोध किया है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Tue, 10 Nov 2020 04:48 PM (IST)Updated: Tue, 10 Nov 2020 04:48 PM (IST)
निषेधाज्ञा के बावजूद पटाखों की बिक्री पर हाईकोर्ट ने प्रशासन को लगाई फटकार, भीड़ नियंत्रित करने के रवैये पर नाराजगी
विशेषकर नुंगी, चंपाहाटी और बड़ाबाजार में जमकर पटाखों की बिक्री हो रही है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने निषेधाज्ञा के बावजूद कोलकाता समेत बंगाल के विभिन्न जिलों में पटाखों की गैरकानूनी तरीके से हो रही बिक्री पर राज्य प्रशासन को कड़ी फटकार लगाई है। अदालत ने छठ पूजा पर उमड़ने वाली भारी भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर राज्य प्रशासन के लचर रवैये पर भी नाराजगी जाहिर की है। दूसरी तरफ अधिवक्ता विकास रंजन भट्टाचार्य ने अदालत से छठ पूजा की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जरुरत पड़ने पर धारा 144 लगाने का अनुरोध किया है।

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राज्यों में धड़ल्ले से पटाखों की बिक्री

इस बाबत दायर की गई जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करते हुए न्यायाधीश संजीव बंद्योपाध्याय ने कहा-'अखबारों में विभिन्न रिपोर्ट प्रकाशित हो रही हैं, जिनमें कहा जा रहा है कि राज्यों में धड़ल्ले से पटाखों की बिक्री हो रही है, विशेषकर नुंगी, चंपाहाटी और बड़ाबाजार में जमकर पटाखों की बिक्री हो रही है। यह कैसे संभव हो पा रहा है? 

छठ पूजा पर लोगों की भीड़ उमड़ती है

राज्य प्रशासन को कोलकाता व जिला पुलिस की टीमों से इसपर नजर रखनी चाहिए।' इसके बाद न्यायाधीश ने छठ पूजा की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए राज्य प्रशासन की तरफ से की जा रही व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा-'कोलकाता में 380 घाट हैं, जहां छठ पूजा पर लोगों की भीड़ उमड़ती है। कोलकाता के अलावा सिलीगुड़ी और दुर्गापुर में भी छठ पूजा होती है। 

राज्य प्रशासन तरफ से क्या व्यवस्था

छठ पूजा पर निकलने वाली शोभायात्रा में डीजे बजाया जाता है और पटाखे फोड़े जाते हैं। इन सबको लेकर राज्य प्रशासन की तरफ से क्या व्यवस्था की जा रही है? इसके जवाब में सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि सबको मास्क पहनने का निर्देश दिया गया है। इसपर न्यायाधीश ने कहा कि सिर्फ मास्क पहनने से सबकुछ हो जाएगा? राज्य प्रशासन की तरफ से भीड़ को नियंत्रित करने के लिए क्या किसी तरह का जन प्रचार किया जा रहा है?

न्यायाधीश ने कड़ी नाराजगी जताई

इसपर सरकारी अधिवक्ता ने दलील पेश करते हुए कहा कि कोई अगर बाहर निकलेगा तो प्रशासन क्या कर सकता है? इसपर न्यायाधीश ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि इसका मतलब तो यह है कि राज्य प्रशासन ने छठ पूजा की भीड़ से निपटने के लिए कोई निर्दिष्ट योजना तैयार ही नहीं की है। सरकार को कड़े कदम उठाने होंगे। 


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