फोटो-24, 38 :: बाबुल पर हमले के खिलाफ सड़क पर उतरी भाजपा व एबीवीपी
जागरण संवाददाता कोलकाता जादवपुर विश्वविद्यालय में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो पर हुए हमले के
कैप्शन-विरोध जुलूस में शामिल भाजपा नेता व कार्यकर्ता तथा गांधी मूर्ति के समक्ष धरना-प्रदर्शन करते अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य जागरण संवाददाता, कोलकाता : जादवपुर विश्वविद्यालय में केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो पर हुए हमले का भाजपा एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने शुक्रवार को कड़ा विरोध किया। इस दिन भाजपा ने जहां पार्टी के प्रदेश मुख्यालय से विरोध जुलूस निकाला वहीं एबीवीपी ने धर्मतल्ला स्थित गांधी मूर्ति के नीचे धरना दिया। धरना में विश्वविद्यालय सहित अन्य विभिन्न कॉलेजों से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सदस्य पहुंचे थे। गौर हो कि एबीवीपी के कार्यक्रम में गुरुवार को जादवपुर विश्वविद्यालय में पहुंचे बाबुल सुप्रियो पर कथित नक्सलपंथी एवं वामपंथी समर्थक छात्रों ने हमला किया। एबीवीपी ने इस घटना का कड़ा विरोध किया है। इसके तहत सदस्यों ने विभिन्न जगहों पर जुलूस भी निकाले गए। गांधी मूर्ति के समीप धरना दोपहर 2.30 बजे से शाम 4 बजे तक चला। मंत्री पर हमले के विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद 23 सितंबर को 'जादवपुर चलो अभियान' चलाएगी। परिषद के प्रदेश सहायक अध्यक्ष सुबीर हालदार ने बताया कि उस दिन गोल पार्क से दोपहर 12 बजे विरोध जुलूस निकाला जाएगा जो जादवपुर विश्वविद्यालय के समक्ष पहुंचेगा। इसमें आम लोगों से भी शामिल होने की अपील की गई है।
घटना के विरोध में प्रदेश भाजपा महासचिव सायंतन बसु एवं राजू बनर्जी के नेतृत्व में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय से निकली जो मध्य कोलकाता तक गई। इसमें शामिल कार्यकर्ता पोस्टर और तख्तिया लिए हुए थे। उन्होंने हमले की कड़ी निंदा की। प्रदर्शनकारियों ने केंद्रीय मंत्री पर हमला करने वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की मांग की। मौके पर बसु ने कहा, 'जादवपुर विश्वविद्यालय के भाड़े के टट्टुओं को जमकर पीटना चाहिए। कल हुई घटना को माकपा और तृणमूल काग्रेस ने मिलकर अंजाम दिया।' गौर हो कि गुरुवार को बाबुल सुप्रियो को जादवपुर विश्वविद्यालय में काले झडे दिखाए गए थे। छात्रों के एक समूह ने उन्हें घेरकर बदसलूकी की। इस वजह से बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ को वहा पहुंचना पड़ा। धनखड़ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी हैं, लेकिन वहां पहुंचने पर उन्हें भी आदोलनकारियों के प्रदर्शन का सामना करना पड़ा। आरोप है कि प्रदर्शनकारी छात्रों में ज्यादातर वामपंथी दलों से जुड़े हैं और कुछ तृणमूल काग्रेस छात्र परिषद से भी जुड़े हैं। पुलिस की मदद से राज्यपाल और बाबुल सुप्रियो वहा से निकलने में कामयाब रहे।