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श्रम मंत्री के साथ त्रिपक्षीय बैठक में फैसला, दीपावली के पहले खुलेंगी 2 साल से ज्यादा समय से बंद गोंदलपाड़ा जूट मिल

फैसला - राज्य सरकार मिल प्रबंधन व यूनियनों के बीच बैठक में मिल खोलने का लिया गया फैसला। करीब 5000 श्रमिक इस मिल में करते हैं काम। श्रमिकों में खुशी की लहर है। दरअसल इस मिल में करीब 5000 श्रमिक काम करते हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Thu, 15 Oct 2020 06:39 PM (IST)Updated: Thu, 15 Oct 2020 06:39 PM (IST)
श्रम मंत्री के साथ त्रिपक्षीय बैठक में फैसला, दीपावली के पहले खुलेंगी 2 साल से ज्यादा समय से बंद गोंदलपाड़ा जूट मिल
माना जा रहा है कि अगले साल विस चुनाव को देखते सरकार ने मिल को खोलने की पहल की है।

राज्य ब्यूरो, कोलकता : पिछले 2 साल से ज्यादा समय से बंद पड़े बंगाल के हुगली जिले के चन्दननगर स्थित गोंदलपाड़ा जूट मिल आखिरकार दीपावली से पहले खुलने जा रही है। बुधवार शाम राज्य के श्रम मंत्री मलय घटक की उपस्थिति में हुई त्रिपक्षीय बैठक में मिल खोले जाने का फैसला लिया गया है।

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मिल खोले जाने की खबर से श्रमिकों में खुशी की लहर

माना जा रहा है कि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार ने मिल को खोलने की पहल की है। इधर, दीपावली एवं छठ पूजा के पहले मिल खोले जाने की खबर से श्रमिकों में खुशी की लहर है। दरअसल इस मिल में करीब 5,000 श्रमिक काम करते हैं।

लंबी वार्ता के बाद आखिरकार मिल खोलने पर सहमति

जानकारी के मुताबिक, बुधवार को इस जूट मिल को खोले जाने के मुद्दे पर श्रम दफ़्तर में आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में जहां एक ओर राज्य सरकार की ओर से खुद श्रम मंत्री तथा आला अधिकारी मौजूद थे, वहीं मिल प्रबंधन के साथ 11 यूनियन के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। लंबी वार्ता के बाद आखिरकार मिल खोलने पर सहमति बनी।

मेंटेन्स के काम खत्म होंने के बाद से उत्पादन शुरू होगा

जिला सीटू के अध्यक्ष शिव मंगल सिंह ने बताया कि बैठक में यह फैसला लिया गया कि एक नवंबर से गोंदलपाड़ा जूट मिल को फिर खोला जाएगा। मिल में मेंटेन्स के काम खत्म होंने के बाद से उत्पादन शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा इस मिल को पुनः चालू करने के लिए यूनियन की ओर से काफी प्रयास किया गया।

मिल में तालाबंदी होने से हमें काफ़ी परेशानी झेलनी पड़ी है

श्रीरामपुर की इंडिया जूट को भी चालू करने के लिए हमलोग कोशिश में लगे है। इंडिया जूट मिल भी 30 मई 2018 से बंद है। इधर श्रमिकों का कहना है कि मिल में तालाबंदी होने से हमलोगों को काफ़ी परेशानी झेलनी पड़ी है। अब जाकर हमें कुछ शांति मिली है। बताया गया है कि कुछ महीने पहले इस मिल का नाम भी बदला गया है।

आर्थिक तंगी के कारण कई मजदूरों की बीमारी से हुुुुई  मौत

यूनियन नेताओं का आरोप है कि मिल बंद होने के बाद आर्थिक तंगी के कारण कई मजदूरों की बीमारी के कारण मौत भी हो चुकी है जबकि कुछ ने आत्महत्या का रास्ता अपनाया। जिले के तृणमूल श्रमिक नेता अनय चटर्जी ने कहा कि सरकार के अहम प्रयास से गोंदनपाडा जूट को पुनः खोला जा रहा है।

मिल खोले जाने के फैसले पर भाजपा सांसद ने भी जताई खुशी 

हुगली की भाजपा सांसद लाॅकेट चटर्जी ने कहा कि गोंदलपाड़ा जूट मिल खुलने की खबर से हमें काफी खुशी हुई है। मैंने इस मुद्दे को संसद में भी उठाया था। हालांकि उन्होंने कहा कि केंद्र के हस्तक्षेप से इस बंद पड़े मिल को खोला जा रहा है। 

27 मई 2018 से बंद है, चांपदानी की नार्थ ब्रुक जूट भी खुुुुुुलेगी  

मालूम हो कि आर्थिक संकट का हवाला देते हुए गोंदलपाड़ा जूट मिल प्रबंधन ने 27 मई 2018 को गेट पर कार्य स्थगन का नोटिस लगा दिया था। तबसे इस मिल के लगभग पांच हजार मजदूर दो जून की रोटी के लिए तबाह थे। इधर, तीन सितंबर से बंद चांपदानी की नार्थ ब्रुक जूट को भी 20 अक्टूबर से खोले जाने का फैसला हुआ है।


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