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West Bengal: बहूबाजार में तोड़ा जाएगा खतरनाक मकान, नगर निगम ने किया है घोषित

केएमआरसीएल की तरफ से बताया गया है कि नगर निगम की सहमति मिलने पर उक्त मकान को तोड़ने का काम चालू होगा। मकान खतरनाक अवस्था में पड़ा हुआ है। कोलकाता नगर निगम की तरफ से उक्त मकान को खतरनाक घोषित किया गया है।

By Priti JhaEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 09:56 AM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 09:56 AM (IST)
West Bengal: बहूबाजार में तोड़ा जाएगा खतरनाक मकान, नगर निगम ने किया है घोषित
बहूबाजार में तोड़ा जाएगा खतरनाक मकान, नगर निगम ने किया है घोषित

राज्य ब्यूरो, कोलकाता । बहूबाजार में मेट्रो निर्माण के कारण मकानों में आयी दरार की घटना के कारण खतरनाक मकान को भी तोड़ा जाएगा। कोलकाता नगर निगम की तरफ से उक्त मकान को खतरनाक घोषित किया गया है। मकान में मौजूद सामान को धीरे-धीरे निकाला जा रहा है। मकान को मापने का काम भी चल रहा है। केएमआरसीएल की तरफ से बताया गया है कि नगर निगम की सहमति मिलने पर उक्त मकान को तोड़ने का काम चालू होगा। मकान खतरनाक अवस्था में पड़ा हुआ है।

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बहूबाजार के 15 नं. दुर्गा पितुरी लेन में मकान है। उक्त मकान के मालिक अर्मत्य सेन के पिता ‌बिमल कुमार सेन और चाचा अर्जुन सेन है। अर्मत्य सेन उक्त मकान से अपना सामान बाहर निकालने के लिए पहुंचे थे। दो हाथों में दो बैग लेकर वह बाहर निकले। घर के बाकी सामान छोटा हाथी में उठाकर ले जाया गया। ढाई साल पहले से उक्त परिवार गरियाहाट में रहता है। 2019 के मेट्रो निर्माण कार्य के ददौरान हुए हादसे के बाद से ही उनका परिवार बाहर रहता है।

अर्मत्य सेन ने बताया कि घर तोड़ा जाएगा यह पता चला है। पिता को बताने पर वह जिंदा नहीं रह पाएंगे। हावड़ा में एक रिश्तेदार के घर पर वह हैं। उन्हें बीच-बीच में ऑक्सीजन देना पड़ता है। उन्हें घर तोड़ने के बारे में पता न चले इसलिए उनके कमरे से टीवी भी हटा दिया गया है। अर्मत्य के अनुसार उनके पिता की उम्र करीब 82 साल है। मां संध्या देनवी की भी उम्र करीब 75 है। वे दोनों ही फिलहाल हावड़ा में रहते हैं।

अर्मत्य ने बताया कि 1888 से उनके पूर्वज वहां पर रहते हैं। करीब ढाई साल बाद वापस दुर्गा पितुरी लेन में आया हूं । एक के बाद एक कई मकानों में दरार देखी जा रही है। मकान को तोड़ने का काम भी चालू हो गया। ईस्ट-वेस्ट मेट्रो के पूरे खंड पर ट्रायल रन, एक सुरंग के एक खंड पर ट्रैक बिछाना और बिजली और सिग्नलिंग उपकरण लगाना कुछ ऐसे ही महत्वपूर्ण काम हैं जो 11 मई की दुर्घटना के कारण रुके हुए हैं। इस काम के दौरान हुई दुर्घटना के कारण बहूबाजार की कई इमारतों में दरारें आ गयीं और 150 से अधिक लोगों को विस्थापित कर दिया। यह 38 मीटर अंडरग्राउंड शाफ्ट के 9 मीटर की ढलाई के दौरान हुआ। 


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