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Cyclonic storm: तूफान में गिरे पेड़ों को हटाने के लिए सड़क पर उतरे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष

Bengal BJP president भाजपा के बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष ने सोमवार सुबह सॉल्टलेक क्षेत्र में सड़कों पर एम्फन तूफान की वजह से गिरे पेड़ों को काटकर हटाने के लिए सड़क पर उतर गए।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 25 May 2020 06:59 PM (IST)Updated: Mon, 25 May 2020 06:59 PM (IST)
Cyclonic storm: तूफान में गिरे पेड़ों को हटाने के लिए सड़क पर उतरे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष
Cyclonic storm: तूफान में गिरे पेड़ों को हटाने के लिए सड़क पर उतरे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः दो दिन चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में जाने की कोशिश की थी लेकिन पुलिस और तृणमूल के विरोध की वजह से रास्ते से ही लौटना पड़ा था। इसके बाद सोमवार को अब भाजपा के बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष ने सोमवार सुबह सॉल्टलेक क्षेत्र में सड़कों पर एम्फन तूफान की वजह से गिरे पेड़ों को काटकर हटाने के लिए सड़क पर उतर गए। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का भी आवास साल्टलेक में ही है। बंगाल सरकार पर घोष लगातार यह आरोप लगाते रहे हैं कि चक्रवात से निपटने की तैयारियां पुख्ता नहीं थीं। उधर चक्रवार के पांच दिन बाद भी बिजली-पानी आपूर्ति सामान्य नहीं होने को लेकर कोलकाता समेत कई जिलों में विरोध प्रदर्शन जारी है। हालात बिगड़ता देख राज्य सरकार ने सेना की मदद ली है।  

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सोमवार सुबह हाफ पैंट और टीशर्ट में ही दिलीप घोष अपने घर से बाहर निकले और पार्टी के कई अन्य नेताओं व कार्यकर्ताओं को लेकर सड़कों पर गिरे पेड़ों को काटकर हटाने लगे। इस दौरान घोष के सुरक्षाकर्मियों ने भी कटे हुए पेड़ों के हिस्से को हटाने में मदद की। इस दौरान घोष ने कहा कि पिछले कई दिनों से हमारे इलाके में पेड़ पड़े हैं। राज्य सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं, इसलिए मैं खुद ही सड़कों पर उतर गया हूं। पेड़ों को हटाने के लिए मेरे साथ भाजपा के कार्यकर्ता हैं। साल्टलेक एक ऐसा क्षेत्र है जहां वरिष्ठ लोग ज्यादा रहते हैं। उनके लिए ऐसे कार्य करना संभव नहीं है। इसलिए इधर पेड़ बिजली के खंभे गिरने की वजह से बिजली आपूर्ति बाधित है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में नगर निगम के लोग नजर नहीं आते। जलापूर्ति बाधित है, लेकिन कोई ठीक करने के लिए नहीं आ रहा है। विद्युत आपूर्ति बंद है। उन्होंने यह भी कहा कि वह पेड़ हटा कर बंगाल सरकार की मदद कर रहे हैं। क्षेत्र में रहने के कारण कहा कि साफ-सफाई और लोगों की सुविधाओं को ध्यान रखना उनकी अपनी जिम्मेवारी है। केवल सरकार पर भरोसा कर आम लोग बैठे नहीं रह सकते।

उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी सरकार के लिए हर एक समस्या का समाधान कर देना संभव नहीं है। लोगों को भी हाथ बटाना चाहिए। इससे समस्याओं का समाधान जल्द आसानी से होगा। उल्लेखनीय 20 मई को चक्रवात आया था। उसके बाद छह दिन बीत चुके हैं, लेकिन कोलकाता, साल्टलेक, उत्तर और दक्षिण 24 परगना के विस्तृत इलाके में अभी भी बिजली आपूर्ति अथवा इंटरनेट सेवाएं बहाल नहीं हो सकी हैं।


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