Cyclone Bulbul: चक्रवात 'बुलबुल' से बंगाल में भारी तबाही, दस की मौत; तीन लाख लोग प्रभावित
Cyclone Bulbul. बंगाल में चक्रवात का सबसे ज्यादा प्रभाव बकखाली फ्रेजरगंज संदेशखाली झड़खाली नंदीग्राम नयाचर और खेजूरी इलाकों में पड़ा।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। Cyclone Bulbul. चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' ने शनिवार की रात बंगाल में दस्तक दी और रविवार तड़के तक नौ जिलों में जमकर तांडव मचाया। तेज हवाओं और भारी बारिश तटीय जिलों में जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। चक्रवात का सबसे ज्यादा प्रभाव बकखाली, फ्रेजरगंज, संदेशखाली, झड़खाली, नंदीग्राम, नयाचर और खेजूरी इलाकों में पड़ा।
चक्रवात के चलते राज्यभर में कुल दस लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें अकेले उत्तर 24 परगना के बशीरहाट महकमा क्षेत्र में पांच लोग शामिल हैं। मरने वालों में छह की पहचान सुचित्रा मंडल (70), रेबा विश्वास (47), मनिरुल गाजी (59), सुदीप भक्त (15), सुजाता दास और समीर मजूमदार के रूप में हुई। एक युवक की मौत शनिवार रात में ही हो गई थी, जिसका नाम मोहम्मद सोहेल। वहीं, संदेशखाली और ¨हगलगंज में भी पेड़ गिरने से दब कर दो महिलाओं की मौत हुई है। सुचित्रा बसीरहाट के पूर्व मकाला की रहने वाली थी। वहीं, रेबा गोखना की रहने वाली थी। मनीरूल गाजी पश्चिम मेदिनीपुर का रहने वाला था, जिस पर बिजली का खंभा गिरने से मौत हुई थी। सुदीप नोदाखाली का रहने वाला था।
चक्रवात के चलते नौ जिलों में करीब तीन लाख लोग प्रभावित हुए हैं। हजारों पेड़ और मकानों को क्षति पहुंची है। अकेले बशीरहाट में 13 हजार मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। रविवार को ड्रोन की मदद से क्षतिग्रस्त इलाकों का मुआयना किया गया। चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' के कारण मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अगले सप्ताह उत्तर बंगाल की अपनी यात्रा रद कर दी। वह सोमवार को नामखाना और बकखाली के आस-पास प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ''गंभीर चक्रवाती तूफान 'बुलबुल' के कारण मैंने आगामी सप्ताह में उत्तर बंगाल की अपनी यात्रा रद करने का फैसला किया है। इसके बजाय कल मैं नामखाना और बकखाली के आस पास प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करूंगी।'' उन्होंने कहा, ''बाद में मैं चक्त्रवात प्रभावित लोगों के राहत एवं पुनर्वास की समीक्षा के लिये प्रशासन के साथ काकद्वीप में बैठक करूंगी। 13 नवंबर को उत्तर 24 परगना के बशीरहाट में चक्रवात प्रभावित इलाकों का दौरान करने की मेरी योजना है।''
दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को फोन कर बुलबुल से हुई तबाही की जानकारी ली और आपात स्थिति में राजय की हर संभव मदद का आश्वासन दिया। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'चक्त्रवात की स्थिति और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में भारी बारिश के मद्देनजर उत्पन्न स्थिति की समीक्षा की।'
चक्रवात को लेकर केंद्र ने की राज्य से चर्चा
चक्रवात से हुई तबाही को लेकर केंद्र सरकार भी चिंतित है। रविवार को राज्य सरकार ने केंद्र को बताया कि बुलबुल चक्रवात के चलते बंगाल के नौ जिलों में कुल तीन लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने नौ जिलों के जिलाधिकारियों ने बुलबुल चक्रवात से मची तबाही की पूरी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए पीएमओ से बात की और हालात की जानकारी दी। इसमें कई अधिकारी मौजूद थे।
गिरे पेड़ों को हटाने में जुटा प्रशासन
तेज तूफान से गिरे पेड़ों को हटाने के लिए कोलकाता नगर निगम (केएमसी), पुलिस और दमकल कर्मी और एनडीआरएफ के अलावा जिला प्रशासन सुबह से ही जुट गया। केएमसी के एक अधिकारी ने बताया, 'हमने कर्मियों को सड़कों को साफ करने और निचले इलाकों से जल निकासी के काम में लगाया है। हमें उम्मीद है कि यह काम रात तक खत्म हो जायेगा।' राज्य आपदा प्रबंधन मंत्री जावेद खान ने कहा कि जड़ से उखड चुके पेड़ों को जल्द से जल्द हटाने के लिये सभी आपात सेवाएं काम कर रही हैं।
मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के अनुसार सुंदरवन धानची वन के करीब पहुंचने से पहले बेहद गंभीर चक्रवात थोड़ा कमजोर होकर तूफान में तब्दील हो गया। मौसम विभाग ने उत्तर एवं दक्षिण 24 परगना, पूर्वी मिदनापुर और नादिया जिलों में दोपहर साढ़े 12 बजे से अगले छह घंटे से अधिक समय तक मध्यम बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
बाधित बिजली आपूर्ति को बहाल करने के हो रहे उपाय : बिजली मंत्री
राज्य के ऊर्जा मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने कहा कि चक्रवात के कारण जिलों में सैकड़ों बिजली के खंभे उखड़ गए हैं। तार टूट जाने से बाधित हुई बिजली आपूर्ति को बहाल करने के लिये उपाय किये जा रहे हैं।
बांग्लादेश रवाना हुआ बुलबुल
बुलबुल बंगाल में तबाही मचाने के बाद बांग्लादेश की ओर रवाना हो चुका है। दिन चढ़ने के साथ ही मौसम धीरे-धीरे साफ हो रहा है।
जानें, चक्रवात से पहले क्या करें
1. अफवाहों पर ध्यान न दें। आतंकित न हो और शांति बनाए रखें
2. मोबाइल फोन को चार्ज रखें
3. टीवी व रेडिओ और अखबारों पर नजर रखें। चक्रवात की गतिविधियों से जुड़ी खबरों पर नजर रखें।
4. जरूरी दस्तावेज और कीमती सामान अपने पास रखें, ताकि जरुरत पड़ने पर उन्हें अपने साथ ले जा सकें।
5. आपात स्थिति के लिए ड्राई फूड, दवाइयां, पानी और कपड़े साथ रखें।
6. पालतू जानवरों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दें।
7. कोई भी धारदार वस्तु अपने आस-पास ना रखें।
8. मछुआरों और पर्यटकों को समुद्र में जाने से वर्जित किया गया है।
चक्रवात के समय क्या करें
1. करंट और गैस पाइप का मेन स्वीच बंद रखें।
2. खिड़की और दरवाजे बंद रखें।
3. घास-फूस के झोपड़े, कच्चे और जर्जर मकान में न रहें।
4. घर सुरक्षित न हो तो वहां से चले जाएं।
घर से बाहर रहने पर क्या करें
1. क्षतिग्रस्त मकान में प्रवेश न करें।
2. ध्वस्त हुए बिजली के खंभों से दूर रहें।