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Cyclone Amphan Effect:कोलकाता में राहत कार्यों में आई तेजी, एनडीआरएफ की 38 टीमें भी बचाव कार्यों में दिन-रात जुटी

सेना के जवानों के मोरचा संभालने के बाद कोलकाता में राहत कार्यों में आई तेजी- शनिवार रात से ही युद्धस्तर पर पेड़ों को हटाने के काम में जुटी है सेना की टुकड़ियां

By Preeti jhaEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 03:36 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 03:36 PM (IST)
Cyclone Amphan Effect:कोलकाता में राहत कार्यों में आई तेजी, एनडीआरएफ की 38 टीमें भी बचाव कार्यों में दिन-रात जुटी
Cyclone Amphan Effect:कोलकाता में राहत कार्यों में आई तेजी, एनडीआरएफ की 38 टीमें भी बचाव कार्यों में दिन-रात जुटी

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल में एम्फन तूफान से हुई भारी तबाही के बाद जरूरी सेवाओं की बहाली के लिए सेना द्वारा मोर्चा संभालने के बाद कोलकाता में राहत कार्यों में काफी तेजी आई है। राज्य सरकार के अनुरोध के बाद पूर्वी सेना कमान की 5 टुकड़ियां (कॉलम) शनिवार शाम से ही कोलकाता के विभिन्न इलाकों में सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने व रोड साफ करने के काम में युद्धस्तर पर जुटी हुई है।

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कोलकाता में रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता विंग कमांडर मनदीप हुड्डा ने बताया कि सेना के जवान कोलकाता के कई इलाकों- टॉलीगंज, बालीगंज, राजारहाट/ न्यूटाउन, डायमंड हार्बर, बेहला, विधाननगर, सदर्न एवेन्यू, गोलपार्क, विधाननगर, साल्टलेक, गरियाहाट रोड, लेक रोड, पर्नश्री आदि जगहों पर सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने व रोड साफ करने के काम में युद्धस्तर पर जुटे हुए हैं।

उन्होंने बताया कि अत्याधुनिक उपकरणों, जेसीबी, कटर आदि की मदद से सेना के जवान अब तक सैकड़ों बड़े पेड़ों को काटकर हटा चुके हैं और कई सड़कों को खाली करा चुके हैं। जैसे-जैसे सड़कों पर गिरे पेरों को हटाने का काम पूरा हो रहा है सेना के जवान दूसरे इलाके में मूव कर रहे हैं और जल्द से जल्द जरूरी सेवाएं बहाल करने की कोशिश में जुटे हैं।

सेना के अलावा कोलकाता सहित बंगाल के प्रभावित जिलों में एनडीआरएफ की दर्जनों टीमें भी राहत कार्यों में जुटी हुई है। उल्लेखनीय है कि एम्फन तूफान के 4 दिन बाद भी कोलकाता सहित कई इलाकों में बिजली व पानी सेवा बहाल नहीं होने को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है, इसको देखते हुए राज्य सरकार ने शनिवार को सेना की मदद मांगी थी। इसके बाद सेना तुरंत बचाव कार्यों में जुट गई। बंगाल में इस तूफान से तकरीबन 86 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि हजारो घर ढह गए, तो लाखों लोग बेघर हो गए।

तूफान से प्रभावित इलाकों में सब कुछ तबाह हो चुका है। एनडीआरएफ की टीम भी पहले से रात-दिन काम कर रही है, जिससे कम समय में ज्यादा लोगों की मदद की जा सके। एनडीआरएफ के सेकेंड बटालियन के कमांडेंट निशित उपाध्याय ने रविवार को बताया कि एनडीआरएफ की टीम राहत व बचाव कार्य में लगातार जुटी हुई है। टीम कोलकाता, सॉल्टलेक, दमदम आदि क्षेत्रों में चक्रवात की वजह से मुश्किल में फंसे लोगों की मदद में जुट गई है। वर्तमान में बंगाल में एनडीआरएफ की 38 टीमें तैनात हैं।

उपाध्याय ने बताया कि 28 टीम पहले से ही काम कर रही थी। उसके बाद शनिवार देर रात 10 और टीम बंगाल पहुंची है, जो विभिन्न क्षेत्रों में राहत व बचाव कार्य में जुट गई है। बंगाल सरकार की मांग पर केंद्र सरकार ने बंगाल में एनडीआरएफ की 10 और टीमों को भेजा है। चक्रवात से पहले राज्यभर में कम से कम पांच लाख लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया था। 


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