Cyclone Amphan Effect: चक्रवाती तूफान ने ऑनलाइन क्लास का भी किया सत्यानाश, इंटरनेट सेवा बाधित होने से नहीं हो पा रही पढ़ाई
Cyclone Amphan Effect बच्चों का पाठ्यक्रम समय पर पूरा होने को लेकर अभिभावक चिंतित
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। चक्रवाती तूफान 'एम्फन' का बंगाल में शिक्षा व्यवस्था पर भी भारी असर पड़ा है। लॉकडाउन के कारण सूबे के तमाम स्कूल पहले ही बंद हैं। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर विभिन्न स्कूलों की ओर से ऑनलाइन क्लास की शुरुआत की गई लेकिन 'एम्फन' ने इसमें भी रुकावट पैदा कर दी। चक्रवाती तूफान ने बिजली और इंटरनेट सेवाओं को इस कदर ठप कर दिया कि विभिन्न स्कूलों को या तो ऑनलाइन क्लास बंद करनी पड़ गई या फिर उसे अनियमित कर दिया गया।
हावड़ा के एक प्रतिष्ठित स्कूल में तीसरी की छात्रा भाव्या गोयल चक्रवाती तूफान के बाद चार दिन ऑनलाइन क्लास नहीं कर पाई। सप्ताह भर बाद भी इंटरनेट सेवा सामान्य नहीं होने के कारण उसे ऑनलाइन क्लास करने में काफी परेशानी हो रही है। इसे लेकर अभिभावक भी बेहद चिंतित हैं। उन्हें अपने बच्चों का पाठ्यक्रम समय पर पूरा नहीं हो पाने का डर सता रहा है। पूर्णिमा गोयल नामक अभिभावक ने बताया-'पिछले दो महीने से ज्यादा समय से मेरी बेटी का स्कूल बंद है।
ऑनलाइन क्लास शुरू होने से उम्मीद जगी थी कि समय पर पाठ्यक्रम पूरा हो जाएगा लेकिन चक्रवाती तूफान के कारण इसमें परेशानी हो रही है। ऑनलाइन क्लास के समय अक्सर इंटरनेट कनेक्शन गायब हो जाता है, जिससे काफी परेशानी हो रही है। ऐसा ही रहा तो पाठ्यक्रम पूरा होना मुश्किल हो जाएगा।' ऑनलाइन पढ़ा रहे शिक्षक-शिक्षिकाओं को भी काफी परेशानी हो रही है। एक प्राइवेट स्कूल में शिक्षिका सुनीता तिवारी ने बताया-'साइक्लोन से पहले तक सब ठीक चल रहा था।
ऑनलाइन पढ़ाने में कहीं कोई समस्या नहीं हो रही थी, लेकिन तूफान के बाद अब इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर हो जाने से ऑनलाइन क्लास के समय अक्सर संपर्क टूट जाता है, जिससे एक चीज बार-बार बतानी पड़ रही है। विजुअल और ऑडियो को लेकर भी काफी समस्या हो रही है। चक्रवाती तूफान के सात दिन बाद अब जब इंटरनेट सेवा सामान्य होनी शुरू हुई हैं तो कालबैसाखी ने खलल डालना शुरू कर दिया है।
गौरतलब है कि बंगाल सरकार ने सूबे में स्कूलों को बंद रखने की समय सीमा बढाकर 30 जून कर दी है, यानी अगले एक महीने तक बच्चों को ऑनलाइन क्लास के भरोसे ही रहना पड़ेगा। ऐसे में अगर इंटरनेट सेवा जल्द पूरी तरह सामान्य नहीं हुईं तो बच्चों की पढ़ाई पर और भी व्यापक असर पड़ सकता है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा था कि एम्फन के चलते राज्य के करीब 1.10 लाख स्कूल भवनों को क्षति पहुंची है। जब तक उनकी मरम्मत नहीं हो जाती, तब तक स्कूलों को खोलना ठीक नहीं होगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले राज्य सरकार ने 10 जून तक सभी स्कूल-कॉलेजों को बंद रखने की घोषणा की थी।