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बंगाल के सभी रेड लाइट इलाकों में खुलेगी 'कस्टमर केयर डेस्क', कोरोना काल में ग्राहकों की थर्मल स्क्रीनिंग

कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने कोलकाता के रेड लाइट इलाका सोनागाछी की यौन कर्मियों के व्यवसाय को भी तगड़ी चोट पहुंचाई है जिसके कारण वह गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही हैं। इसके अलावा कई यौन कर्मी कोरोना से संक्रमित भी हुई हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 30 Jul 2021 09:31 PM (IST)Updated: Fri, 30 Jul 2021 09:31 PM (IST)
बंगाल के सभी रेड लाइट इलाकों में खुलेगी 'कस्टमर केयर डेस्क', कोरोना काल में ग्राहकों की थर्मल स्क्रीनिंग
तंगी से जूझ रही यौन कर्मियों के व्यवसाय को पटरी पर लाने की पहल

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोरोना की पहली और दूसरी लहर ने कोलकाता के रेड लाइट इलाका सोनागाछी की यौन कर्मियों के व्यवसाय को भी तगड़ी चोट पहुंचाई है जिसके कारण वह गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रही हैं। इसके अलावा कई यौन कर्मी कोरोना से संक्रमित भी हुई हैं। लिहाजा इनके व्यवसाय को पटरी पर लाने तथा कोरोना के नियमों को बखूबी पालन करते हुए बंगाल में यौन कर्मियों के सबसे बड़े संगठन दुर्बार महिला समन्वय समिति ने राज्य के सभी रेड लाइट इलाकों में 'कस्टमर केयर डेस्क' खोलने की योजना बनाई है।

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सोनागाछी में इसकी शुरुआत हो चुकी है। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही ग्राहकों को प्रवेश करने की अनुमति दी जा रही है। मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। हालांकि मिलन के दौरान कोरोना के नियमों की व्यवहारिकता सवाल उठ रहे हैं। संगठन की प्रवक्ता महाश्वेता मुखर्जी ने कहा कि ग्राहकों से ही नहीं बल्कि यौन कर्मियों से भी कोरोना के नियमों का पालन करने का अनुरोध किया गया है।

कोलकाता में कोरोना संक्रमण की शुरुआत के बाद से ही नियमित जागरूकता शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इसके तहत घर को हर हाल में सैनिटाइज करना, यौन कर्मी के लिए हर ग्राहक के जाने के बाद नहाना अनिवार्य किया गया है। चादरें भी बदलनी पड़ती हैं। ग्राहकों को भी हर समय मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। कस्टमर केयर डेस्क खुलने के बाद ग्राहकों की थर्मल स्क्रीनिंग भी की जा रही है।

कोरोना नियमों की व्यवहारिकता पर सवाल

हालांकि कोरोना के नियमों की व्यवहारिकता सवाल उठ रहे हैं। एक यौन कर्मी ने बताया कि इस व्यवसाय में कोरोना नियमों का पालन करना काफी कठिन है।दबाव देने पर भी ग्राहक ज्यादा देर तक मास्क नहीं पहनते हैं। लेकिन अपनी जीविका चलाने के लिए हम लोगों को मजबूर होना पड़ता है। महाश्वेता मुखर्जी के मुताबिक सोनागाछी में यौन कर्मियों की संख्या 10 हजार के आसपास है, जबकि महानगर के अन्य इलाकों में फ्लाइंग यौन कर्मियों की संख्या छह हजार के करीब है। लेकिन कोरोना काल में यह संख्या घटकर आधा हो गई है।


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