कोलकाता में ऑनलाइन प्रदर्शनी, दिखाया कागज के नोटों का महत्व और मदर टेरेसा के जीवन के साथ उनका कनेक्शन
शहर के एक मुद्रा संग्राहक ने एक आभासी प्रदर्शनी से मदर टेरेसा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने मदर टेरेसा के जीवन से संबंधित अपने संग्रह से दुर्लभ कागजी मुद्रा दिखाई।
राज्य ब्यूरो कोलकाता : शहर के एक मुद्रा संग्राहक ने एक आभासी प्रदर्शनी के माध्यम से मदर टेरेसा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने मदर टेरेसा के जीवन से संबंधित अपने संग्रह से दुर्लभ कागजी मुद्रा दिखाई। बुधवार को सोशल मीडिया चैनलों पर एक लिंक साझा किया गया और अनिंद्य कर, जो पिछले 46 वर्षों से मुद्रा एकत्र कर रहे हैं, ने प्रदर्शनी में कागज के नोटों के महत्व और मदर टेरेसा के जीवन के साथ उनके कनेक्शन के बारे में बताया है।
तब से दुनिया बहुत बदल गई है
अनिंद्य कर ने बताया कि प्रदर्शनी में एक 143 साल पुराना नोट जो 1910 में स्कोप्जे में भी चलन में था, जहां मदर टेरेसा का जन्म हुआ था, प्रदर्शित किया गया। स्कोप्जे उस समय ओटोमन साम्राज्य के कोसोवो विलायत का एक हिस्सा था। तब से दुनिया बहुत बदल गई है, भौगोलिक सीमाएं बदल गई हैं क्योंकि दुनिया के उस हिस्से में राजनीतिक समीकरण बहुत अस्थिर रहे हैं। स्वाभाविक रूप से मुद्राएं भी बदल गई हैं और इस तरह के नोट लंबे समय तक प्रचलन से बाहर हो गए हैं।
स्कोप्जे आज के मैसेडोनिया में है
अल्बानियाई लेक का एक और नोट, जो अब प्रचलन में नहीं है, उसे भी प्रदर्शित किया गया। मदर टेरेसा के माता-पिता अल्बानियाई थे। दर्शकों को मैसेडोनिया के 10 दिनारा का एक और दुर्लभ नोट देखने को मिला जो कि स्कोप्जे में प्रचलन में था जहां मदर का जन्म हुआ था और वह आज के मैसेडोनिया में है। पहले यह यूगोस्लाविया का हिस्सा था जो सात अलग-अलग देशों में विभाजित हो गया है। यह मुद्रा भी दुर्लभ है और आज प्रचलन से बाहर है।
विरासत का हिस्सा होने पर गर्व : कर
यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि मदर टेरेसा के जन्म शताब्दी के अवसर पर 2010 में केंद्र द्वारा लाया गया 100 रुपये का सिक्का भी प्रदर्शनी में दिखाया गया है। कर ने कहा “मुझे मुद्रा संग्राहक के रूप में मदर टेरेसा की विरासत का हिस्सा होने पर गर्व है। इस खजाने को अपने पास रखने का कोई मतलब नहीं है और इसलिए मैंने मदर टेरेसा के 110 वें जन्मदिन को मनाने के लिए आभासी प्रदर्शनी आयोजित करने का फैसला किया।”