कोलकाता के इस पंडाल में गूंज रहा रुदन और विलाप, मृत भाजपा कार्यकर्ता की याद में हो रही है पूजा
बंगाल में हर तरफ दुर्गा पूजा महोत्सव का उत्साह और उमंग है लेकिन उस खुशी के पल में कोलकाता में एक ऐसा दुर्गा पूजा पंडाल बना है जहां न तो शहनाई की धुन सुनाई दे रही है और न ही गाना बज रहा है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में हर तरफ दुर्गा पूजा महोत्सव का उत्साह और उमंग है, लेकिन उस खुशी के पल में कोलकाता में एक ऐसा दुर्गा पूजा पंडाल बना है, जहां न तो शहनाई की धुन सुनाई दे रही है और न ही गाना बज रहा है। रुदन और विलाप के स्वर गूंज रहे हैं। दरअसल कोलकाता के कांकुरगाछी में चुनाव बाद हिंसा की थीम पर यह पूजा पंडाल बना है। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी मंगलवार की शाम को इस पूजा पंडाल का उद्घाटन किया।
काले कपड़े से बना है पूजा पंडाल
मंडप में हर तरफ से रोने की आवाज आ रही है। पूजा पंडाल काले कपड़े से बना है। पंडाल में अंधरे में मां दुर्गा विराज रही हैं। पूजा का आयोजन श्री श्री सरस्वती और कालीमाता मंदिर परिषद ने किया है। यह क्लब सरस्वती और काली पूजा के साथ दुर्गा पूजा भी मनाता है। कोलकाता के कांकुरगाछी रेल केबिन के विपरीत दिशा में इस दुर्गा पूजा पंडाल की थीम है चुनाव के बाद की हिंसा। थीम का नाम ‘मायेदर कान्ना, रक्तात बंगाल’ (मां का रुदन और रक्तरंजित बंगाल) रखा गया है।
मृत भाजपा कार्यकर्ता की याद में हो रही है पूजा
बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के दिन दो मई 2021 को भाजपा कार्यकर्ता अभिजीत सरकार की कथित रूप से हत्या कर दी गई थी। वह इस पूजा के आयोजकों में से एक थे। अभिजीत सरकार के भाई बिस्वजीत सरकार अब पूजा के प्रभारी हैं। उन्होंने कहा कि मां दुर्गा की गोद में अनाथ बच्चा है। दुष्कर्म की शिकार महिलाएं उनके चरणों में हैं। मंडप के अंदर एक शहीद की वेदी भी है।
महिलाओं के उत्पीडन थीम पर भी आयोजित हुआ है पूजा
मालूम हो कि बिधाननगर में पूर्वी सांस्कृतिक केंद्र (ईजेडसीसी) में राज्य भाजपा द्वारा आयोजित पूजा में भी ‘बंगाल में महिलाओं के उत्पीडऩ’ को थीम बनाया गया है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के राज्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा जो कुछ दिखाएगी वह वास्तव में ‘कूड़ेदान’ है। पार्टी ऐसा इसलिए करना चाहती है क्योंकि उसका कोई जनाधार नहीं है।
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