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माकपा ने दुर्गापूजा में वामपंथी विचारधारा पर आधारित एक करोड़ रुपये मूल्य की किताबें बेचने का किया दावा

दुर्गापूजा के समय राज्यभर में पार्टी की तरफ से करीब 1200 बुक स्टाल लगाए गए थे उत्तर 24 परगना बुक स्टालों के जरिए 10 लाख रुपये से अधिक मूल्य की किताबों की बिक्री हुई है। बंगाल का सबसे बड़ा जिला है इसलिए वहां सबसे ज्यादा बुक स्टाल लगाए गए थे।

By Priti JhaEdited By: Published: Tue, 19 Oct 2021 03:57 PM (IST)Updated: Tue, 19 Oct 2021 03:57 PM (IST)
माकपा ने दुर्गापूजा में वामपंथी विचारधारा पर आधारित एक करोड़ रुपये मूल्य की किताबें बेचने का किया दावा
माकपा ने दुर्गापूजा में वामपंथी विचारधारा पर आधारित एक करोड़ रुपये मूल्य की किताबें बेचने का किया दावा

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने दुर्गापूजा के समय वामपंथी विचारधारा पर आधारित एक करोड़ रुपये मूल्य की किताबें बेचने का दावा किया है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि दुर्गापूजा के समय राज्य भर में पार्टी की तरफ से करीब 1200 बुक स्टाल लगाए गए थे । अकेले उत्तर 24 परगना जिले में लगाए गए बुक स्टालों के जरिए 10 लाख रुपये से अधिक मूल्य की किताबों की बिक्री हुई है। माकपा के एक नेता ने बताया कि उत्तर 24 परगना बंगाल का सबसे बड़ा जिला है इसलिए स्वाभाविक रूप से वहां सबसे ज्यादा बुक स्टाल लगाए गए थे।

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इस जिले में माकपा का संगठन भी मजबूत है इसलिए किताबों की ज्यादा बिक्री हुई। उक्त माकपा नेता ने आगे बताया कि काली पूजा व जगद्धात्री पूजा के समय भी कुछ निश्चित जगहों पर बुक स्टाल लगाए जाएंगे।काली पूजा में बारासात और जगद्धात्री पूजा में चंदननगर में बुक स्टाल लगाने की योजना है। माकपा के वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती ने बताया कि बंगाल के शिक्षित समाज में वामपंथी विचारधारा की अलग जगह है इसलिए इसपर आधारित पुस्तकों के प्रति दिलचस्पी बरकरार है।

गौरतलब है कि बंगाल में माकपा दिन-ब-दिन अपनी सियासी जमीन खोती जा रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में माकपा समेत किसी भी वामपंथी दल को एक सीट तक नसीब नहीं हो पाई थी। बंगाल विधानसभा चुनाव के इतिहास में यह पहला मौका है, जब विधानसभा में माकपा समेत किसी भी वामपंथी दल का एक भी प्रतिनिधि मौजूद नहीं है। वामदलों का वोट प्रतिशत भी चुनाव-दर- चुनाव सिमटता जा रहा है। लोकसभा चुनाव में पहले ही बंगाल में वामपंथी दलों का सूपड़ा साफ हो चुका है। ऐसे में किताबों की अच्छी बिक्री से पार्टी का मनोबल बढे़गा। 


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