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देश को नेता नहीं नीति की है जरूरत: येचुरी

- देश से मोदी और बंगाल से ममता को हटाने का आह्वान - भाजपा और तृणमूल के बीच सांठगांठ का ि

By JagranEdited By: Published: Sun, 03 Feb 2019 06:54 PM (IST)Updated: Sun, 03 Feb 2019 06:54 PM (IST)
देश को नेता नहीं नीति की है जरूरत: येचुरी
देश को नेता नहीं नीति की है जरूरत: येचुरी

- देश से मोदी और बंगाल से ममता को हटाने का आह्वान

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- भाजपा और तृणमूल के बीच सांठगांठ का दिया हवाला

राज्य ब्यूरो, कोलकाता: माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का एकमात्र नेता होने पर व्यंग करते हुए कहा कि देश को नेता नहीं नीति की जरूरत है। देश को बचाने के लिए केंद्र की सत्ता से प्रधानमंत्री मोदी और बंगाल को बचाने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हटाना होगा। केंद्र सरकार की नीति आम जनता के लिए हानिकारक है। बैंकों की लूट हो रही है। प्रधानमंत्री के करीबी व्यवसायी 15 लाख करोड़ रुपये लेकर विदेश भाग गए। सार्वजनिक उपक्रमों को बेचा जा रहा है। मोदी की नीति देश को सर्वनाश करनेवाली है। इसलिए उन्हें हटाना जरूरी। येचुरी ने रविवार को कोलकाता में वाममोर्चा द्वारा आयोजित ब्रिगेड रैली को संबोधित करते हुए यह बातें कही। उन्होंने कहा कि वामपंथी दलों के पास नीति है और वे ही सही विकल्प दे सकते हैं। येचुरी ने कहा कि वाममोर्चा के समय पश्चिम बंगाल में जो सांप्रदायिक सद्भाव था वह अभी नहीं है। यहां भी राजनीति ध्रुवीकरण किया जा रहा है। असम में एनआरसी से 40 लाख लोगों का नाम हटा दिया गया है। इसके लिए कानून में बदलाव किया जा रहा है।

येचुरी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर प्रहार करते हुए कहा कि वह दिखावे के लिए मोदी का विरोध कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने हाल में ही कहा कि गुजरात दंगा के खून से मोदी का हाथ रंगा है। यह जानते हुए भी ममता उस समय एनडीए में थीं। दरअसल दोनों में नूरा कुश्ती चल रही है ताकि लड़ाई में कोई दूसरा शामिल नहीं हो सके। इसलिए वामपंथी दलों को देश से प्रधानमंत्री और राज्य से मुख्यमंत्री दोनों को हटाने के लिए लड़ाई करनी होगी। येचुरी ने मोदी पर बजट में आम जनता को लालीपॉप देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 30 वर्ष तक पैसा जमा करने वाले मजदूर भाइयों को 60 वर्ष बाद 3 हजार रुपये जो पेंशन मिलेगा उसकी कोई कीमत नहीं रह जाएगी। यह तो सीधे आम जनता की पाकेटमारी है। तृणमूल कांग्रेस पाकेटमार प्रधानमंत्री को को बचा रही है। इसलिए दोनों को हटाने की जरूरत है। येचुरी ने ज्वलंत मुद्दों पर राज्य में लड़ाई करने वाले वाममोर्चा के रास्ते में बाधा डालने पर प्रतिरोध करने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि बाधा डालने पर विरोध नहीं सीधा प्रतिरोध होगा।

भाजपा और तृणमूल एक ही डाली के दो फूल

वाममोर्चा के चेयरमैन विमान बोस ने कहा कि भाजपा और तृणमूल कांग्रेस एक ही डाली के दो फूल है। पश्चिम बंगाल में आज आरएएस की शाखा संगठनों का जिस तरह विस्तार हुआ है वह तृणमूल कांग्रेस की ही देन है। तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा और आरएसएस को बढ़ने में मदद की है। तृणमूल कांग्रेस की भाजपा के साथ सांठगांठ है। माकपा के राज्य सचिव सूर्यकांत मिश्रा ने कहा चौकीदार प्रधानमंत्री चोर हैं तो मुख्यमंत्री दफादार और पहरेदार हैं। चौकीदार के सहयोग करने के लिए जो काम दफादार और पहरेदार करती है वहीं काम मुख्यमंत्री कर रही हैं। चौकीदार के हटने के बाद दफादार और पहरेदार भी हट जाएगा। भाकपा(माले) लिबरेशन के महासचिव दीपांकर भंट्टाचार्य ने कहा कि उनकी पार्टी हमेशा वामपंथी दलों को मजबूत करने की पक्ष रहा है। वाममोर्चा में नहीं रहने के बावजूद माले वामपंथी एकजुटता के पक्ष है। आज देश में जिस तरह खतरा बढ़ रहा है उसमें वामपंथी दलों को एकजुट होने की जरूरत है। रैली में भाकपा के सुधाकर रेड्डी, फारवर्ड ब्लाक के देवब्रत विश्वास और आरएसपी के क्षीति गोस्वामी समेत वाममोर्चा के अन्य वरिष्ठ नेताओं ने भी अपना वक्तव्य पेश किए। प्राय: सभी वक्ता एक सुर में केंद्र से मोदी और राज्य से ममता को हटाने की जरूरत बताई। वक्ताओं ने पिछले 19 जनवरी को ममता की बिग्रेड रैली का जिक्र किया और कहा कि मुख्यमंत्री खुद को प्रधानमंत्री बनने की जुगत में सभी नेताओं को बुलाई थी। लेकिन जो नेता आए थे वे अपने राज्यों में लौटने की बाद अपने ढंग से बोलने लगे। 3 वषरें बाद वाममोर्चा की ब्रिगेड रैली में उल्लेखनीय भीड़ जुटी थी और कार्यकर्ताओं में उत्साह था। पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश करने के लिए अस्वस्थ होने के बावजूद थोड़ी देर के लिए पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भंट्टाचार्य ब्रिगेड पहुंचे थे। यह बात अलग है कि अस्वस्थता की वजह से वह मंच पर नहीं उठे और गाड़ी में बैठकर ही उन्होंने अपनी उपस्थिति से सुनिश्चित की। वामपंथी छात्र नेता कन्हैया कुमार की तबियत अचानक नासाज होने से वह नहीं आ सके। वाममोर्चा समेत कुल 17 दलों के प्रतिनिधि ब्रिगेड में शामिल हुए जिसमें अधिकांश वामपंथी दल शामिल थे। रैली से मोदी हटाओ देश बचाओ और ममता हटाओ राज्य बचाओ का नारा दिया गया।


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