Coronavirus Lockdown Effect: लॉकडाउन में भी डटे हुए हैं रेलवे के पार्सल डिपार्टमेंट कर्मचारी
लॉकडाउन में लोगों को उनकी दैनिक जरुरत की चीजें अबाध तरीके से मिलती रहे इसके लिए रेलवे के पार्सल डिपार्टमेंट के कर्मचारी डटे हुए हैं।
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। लॉकडाउन में लोगों को उनकी दैनिक जरुरत की चीजें अबाध तरीके से मिलती रहे, इसके लिए रेलवे के पार्सल डिपार्टमेंट के कर्मचारी डटे हुए हैं। इस मुश्किल घड़ी में भी वे पूरी शिद्दत से ड्यूटी कर रहे हैं। दिन-रात एक करके पार्सल स्पेशल ट्रेनों में जरुरत की चीजों की लोडिंग-अनलोडिंग कर रहे हैं।
हावड़ा स्टेशन के न्यू कांप्लेक्स के 22 और 23 नंबर प्लेटफार्म पर रोजाना पूर्व और दक्षिण पूर्व रेलवे की कई पार्सल स्पेशल ट्रेनें सामान लेकर पहुंच रही हैं और यहां से उन जगहों की जरुरत की चीजें भेजी जा रही हैं। हावड़ा स्टेशन पर पूर्व रेलवे के तहत चल रहीं पार्सल स्पेशल ट्रेनों की लोडिंग-अनलोडिंग का काम देखने वाले एक कर्मचारी ने बताया-'पूर्व रेलवे की 12 से ज्यादा पार्सल स्पेशल ट्रेनें माल लेकर हावड़ा स्टेशन आ-जा रही हैं। इनमें से कुछ दैनिक तौर पर चल रही हैं और कुछ सप्ताह में तीन-चार दिन। हावड़ा से नई दिल्ली, अमृतसर, जमालपुर, मुंबई, गुवाहाटी, भोपाल समेत विभिन्न जगहों पर पार्सल एक्सप्रेस सामान लेकर आ-जा रही हैं। इनमें सब्जियां, मछलियां, अंडे इत्यादि शामिल हैं। ई-कॉमर्स कंपनियों का भी बहुत सामान ट्रेनों से आ रहा है।'
उन्होंने आगे कहा-'देश में इतनी बड़ी महामारी फैली हुई है, इस वक्त अगर हम जरुरी सेवा प्रदान कर मानवता का परिचय नहीं देंगे तो फिर मानव कहलाने लायक ही नहीं रहेंगे।'
वहीं दक्षिण-पूर्व रेलवे की पार्सल स्पेशल ट्रेनों की लोडिंग-अनलोडिंग का काम देख रहे एक कर्मचारी ने बताया- 'हावड़ा से दक्षिण-पूर्व रेलवे की दो पार्सल स्पेशल चल रही हैं। एक चेन्नई होकर यशवंतपुर जा रही है और दूसरी सिकंदराबाद। एक पार्सल स्पेशल रोजाना यशवंतपुर से आती है। सिर्फ शनिवार को एक ट्रेन सिकंदराबाद से पहुंचती है। यशवंतपुर से अंडा और कर्नाटक के गुंटाकल से मछलियां और फल आते हैं। रेलवे मेल सर्विस का भी काफी सामान आता है।
इसके अलावा सैनिटाइजर, मास्क, सर्जिकल इक्विपमेंट और चिकित्सा उपकरण भी पहुंचते हैं जबकि यहां से भी सब्जियां, मछलियां और फिश सीड यशवंतपुर और विजयवाड़ा भेजे जाते हैं। एक पार्सल स्पेशल में कम से कम पांच और अधिकतम 9 वीपी और दो एसएलआर जुड़े होते हैं। एक वीपी की क्षमता 23 टन और एक एसएलआर की क्षमता 8 टन है।' उन्होंने आगे कहा-'हमें स्टेशन आने-जाने में तकलीफ हो रही है लेकिन हम काम नहीं करेंगे तो देश भर में लोगों तक जरुरत का सामान कैसे पहुंचेगा? मेरी तीन-चार सहायक और आठ पार्सल पोर्टर की टीम है। हम सभी मिलकर ट्रेन में सामान की लोडिंग-अनलोडिंग करते हैं।