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Coronavirus Lockdown Effect: भीख मांगने वाले हाथ कर रहे दूसरों की मदद

भीख मांगने वाले हाथ कर रहे दूसरों की मदद-सिंगुर की रहने वाली लक्खी दास पात्र अनाथ बच्चों के साथ लाॅकडाउन में फंसे असहाय लोगों का भी पेट भर रहीं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Wed, 06 May 2020 03:25 PM (IST)Updated: Wed, 06 May 2020 03:25 PM (IST)
Coronavirus Lockdown Effect: भीख मांगने वाले हाथ कर रहे दूसरों की मदद
Coronavirus Lockdown Effect: भीख मांगने वाले हाथ कर रहे दूसरों की मदद

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। भीख मांगकर अपना और अनाथ बच्चों का गुजारा करने वालीं बंगाल के हुगली जिले के सिंगुर की रहने वाली लक्खी दास पात्र इन दिनों लाॅकडाउन में फंसे लोगों का भी पेट पाल रही हैं। संकट के दौर में सिंगुर स्टेशन के पास झोपड़पट्टी में रहने वाले असहाय लोगों की लक्खी भीख में मिले अनाज से मदद कर रही है।

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उन्होंने कहा-'गरीबी को मैंने काफी करीब से देखा है। इस झोपड़पट्टी में 15-20 लोग अपने छोटे बच्चों के साथ रहते हैं। इन परिवारों को लॉकडाउन में मुट्ठी भर निवाला मिल सके, इसलिए मैं कुछ अनाज देकर उनकी मदद कर रही हूं। ये सभी मेरे जैसे ही हैं। इन लोगों की मदद करने से मेरा आत्मबल और मजबूत होता है और दूसरों की मदद करने की इच्छाशक्ति भी बढ़ती है।

लक्खी अपने सहयोगी के साथ साइकिल पर अनाज लेकर झोपड़पट्टी में आती हैं और अपने हाथों से चावल एवं आलू गरीब परिवारों में बांटती हैं। झोपड़पट्टी की रहने वाली शीला बैद्य ने कहा-'लक्खी खुद भीख मांगकर अपना और अनाथ बच्चों का पेट पालती है, इसके बावजूद इस मुश्किल घड़ी में वह जिस प्रकार से हमारी मदद कर रही हैं, उसे हम कभी नहीं भूल पाएंगे।'

झोपड़पट्टी के रहने वाले कार्तिक बैद्य ने कहा-हमारे घर में छोटे बच्चे हैं। लाॅकडाउन के कारण हमलोगों की भुखमरी जैसी हालत हो गई थी। लक्खी की ओर से दिए गए अनाज से हमारे बच्चों को भोजन मिल पा रहा है। लाॅकडाउन की शुरुआत में कुछ राजनीतिक दलों एवं समाजसेवी संस्थाओं की ओर से अनाज बांटे गए थे, लेकिन अभी लक्खी के अनाज से ही हमारे बच्चों को भोजन नसीब हो रहा है' 

सिंगुर के मिर्जापुर-मामदपुर गांव मे लक्खी अपने बेटे के साथ रहती हैं। लक्खी ने अनाथ बच्चों के लिए 'सबूजानंद मिशन' के नाम से अनाथ आश्रम खोला है, जहां 12 बच्चे रहते हैं। इन बच्चों को भोजन, कपड़े, पाठ्य सामग्रियों के साथ जरूरत की विभिन्न चीजें मुहैया कराई जाती हैं । 


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