Coronavirus Effect: बंगाल के लिए इसलिए ज्यादा मुश्किल हो सकती है कोरोना से लड़ाई
चिंताजनक आंकड़े आंकड़े बताते हैं कि बंगाल में हर तीसरा व्यक्ति तंबाकू उपभोक्ता है। तंबाकू का सेवन कई गुना बढ़ा सकता है कोविड-19 से संक्रमण।
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। कोरोना से इस वक्त पूरी दुनिया लड़ रही है। भारत भी पूरी ताकत से इससे निपटने में जुटा हुआ है। केंद्र के साथ प्रत्येक राज्य सरकार भी अपने स्तर पर कोविड-19 का संक्रमण रोकने को तमाम उपाय कर रही है। सिक्किम, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश जैसे उत्तर-पूर्वी राज्य इसमें पूर्ण रूप सफल हुए हैं तो दूसरी तरफ महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली को कोरोना ने अपनी सबसे ज्यादा चपेट में लिया है। इसके बीच पश्चिम बंगाल उन राज्यों में शामिल है, जहां कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा पांच हजार को पार कर गया है और दिन-ब-दिन मामले बढ़ते जा रहे हैं ।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक बंगाल के लिए कोरोना से लड़ाई अन्य राज्यों की अपेक्षा थोड़ी मुश्किल हो सकती है। इसकी एक प्रमुख वजह है सूबे के लोगों के तंबाकू सेवन की दर। आंकड़े बताते हैं कि बंगाल में हर तीसरा व्यक्ति तंबाकू उपभोक्ता है। गौर करने वाली बात यह है कि पुरुष और महिलाओं, दोनों ही मामले में यह दर एक समान है।
रविवार को विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर फोर्टिस अस्पताल आनंदपुर के डिपार्टमेंट ऑफ रेस्पिरेटरी मेडिसीन के कंसल्टेंट डॉ. अंग्शुमन मुखर्जी ने कहा-'तंबाकू का सेवन कोविड-19 से संक्रमित होने का खतरा कई गुना बढ़ा सकता है। जब कोई व्यक्ति हाथ में सिगरेट या बीड़ी पकड़े होता है तो धूम्रपान से हाथ से मुंह में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। वहीं हुक्का के मिल-बांटकर पीने से संक्रमण की आशंका और भी कई गुना बढ़ जाती है।
तंबाकू के सेवन से एक तरफ संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ता है तो दूसरी तरफ धूम्रपान फेफड़ों की क्षमता को कम करता है, जो व्यक्ति विशेष को कोरोना वायरस के संक्रमण का शिकार बनने के प्रति अति संवेदनशील बनाता है। तंबाकू चबाने से बाहर निकल रही पिक से दूसरों के संक्रमित होने का खतरा भी बढ़ जाता है।'
हालिया एक सर्वेक्षण में पता चला है कि बंगाल में तंबाकू की खपत खतरनाक दर से बढ़ रही है। सूबे में 36.3 फीसद व्यस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं, जिनमें 52.3 फीसद पुरुष और 19.3 फीसद महिलाएं शामिल हैं। कुछ महिलाएं तो गर्भावस्था के दौरान भी धूम्रपान करती हैं। धूम्रपान करने वालों में 21.3 फीसद व्यस्क हैं, जिनका 39.5 फीसद पुरुष और 1.9 फीसद महिलाएं शामिल हैं। इनमें सिगरेट पीने वालों में 10.3 फीसद व्यस्क शामिल हैं, जिनमें 19.6 फीसद पुरुष और 0.4 फीसद महिलाएं शामिल हैं जबकि बीड़ी पीने वाले 15.7 फीसद वयस्कों में 28.9 फीसद पुरुष और 1.6 फीसद महिलाएं शामिल हैं।
चिंता बढाने वाले आंकड़े और भी हैं। बंगाल में 18.5 वर्ष की औसत उम्र से व्यस्क तंबाकू का सेवन शुरू कर देते हैं। पुरुषों के मामले में औसत उम्र 18.5 वर्ष और महिलाओं में 19.2 वर्ष है। सबसे गंभीर बात तो यह है कि बंगाल में रोजाना तंबाकू का सेवन करने वाले 55.7 फीसद लोग जागने के आधे घंटे के अंदर तंबाकू का सेवन करते हैं। बंगाल की करीब १० फीसद आबादी 15 साल की उम्र से पहले ही धूम्रपान के दायरे में आ जाती है।