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West bengal Coronafighter: जिन हाथों के बल पर वे करतब दिखाते हैं, आज उन्हीं हाथों से कर रहे कोरोना की जांच

कोरोना के भारत में दस्तक देने से पहले तक सब उन्हें राष्ट्रीय स्तर के आर्टिस्टिक जिम्नास्ट के तौर पर जानते थे लेकिन आज उनकी पहली पहचान अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धा के रूप में है।

By Vijay KumarEdited By: Published: Fri, 31 Jul 2020 09:59 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 09:59 PM (IST)
West bengal Coronafighter: जिन हाथों के बल पर वे करतब दिखाते हैं, आज उन्हीं हाथों से कर रहे कोरोना की जांच
West bengal Coronafighter: जिन हाथों के बल पर वे करतब दिखाते हैं, आज उन्हीं हाथों से कर रहे कोरोना की जांच

विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता : जिन हाथों के बल पर वे हवा में करतब दिखाते हैं, आज उन्हीं हाथों से कोरोना की जांच कर रहे हैं। कोरोना के भारत में दस्तक देने  से पहले तक सब उन्हें राष्ट्रीय स्तर के आर्टिस्टिक जिम्नास्ट के तौर पर जानते थे लेकिन आज उनकी पहली पहचान अग्रिम पंक्ति के कोरोना योद्धा के रूप में है। ये हैं 22 साल के सौम्यसारथी गांगुली। राज्य स्तर पर पांच स्वर्ण पदक व राष्ट्रीय स्तर पर दो रजत और चार कांस्य पदक जीत चुके सौम्यसारथी इस कठिन समय में कोलकाता के पीयरलेस अस्पताल में माइक्रो बायोलॉजिस्ट के तौर  पूरी शिद्दत से सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। वे कोरोना की जांच के लिए रोजाना 50 से 60 संदिग्ध मरीजों के नमूने संग्रह करते हैं।

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कोलकाता के गरिया इलाके के रहने वाले सौम्यसारथी ने दीनबंधु एंड्रयूज कॉलेज से माइक्रो बायोलॉजी में बीएससीकिया है और वर्तमान में आइआइटी खड़गपुर से मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में एमएससी कर रहे हैं। सौम्यसारथी रोजाना छह से सात घंटे पूरी शिद्दत से यह काम करते हैं। उन्होंने कहा-'कोरोना के संदिग्ध मरीजों के नमूने संग्रह कर उनकी जांच करने में जोखिम तो है लेकिन एक माइक्रो बायोलॉजिस्ट होने के नाते मैं इस काम से कैसे मुंह फेर सकता हूं?मुझे यह काम कर बेहद गर्व की अनुभूति होती है और अहसास होता है कि संकट की इस घड़ी में मैं मानवता की सेवा कर पा रहा हूं।'

सौम्यसारथी ने आगे कहा-'कोरोना की जांच में जिनके नमूने निगेटिव आते हैं, उनके लिए बहुत खुशी होती है। जिनके नमूने शुरू में पॉजिटिव पाए जाते हैं लेकिन इलाज के बाद दोबारा जांच कराने पर जब निगेटिव निकलते हैं तो और भी ज्यादा खुशी होती है।'

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 ढाई साल की उम्र से सीखना शुरू किया जिम्नास्ट

सौम्यसारथी ने ढाई साल की छोटी सी उम्र से जिम्नास्ट सीखना शुरू किया। जन्म के बाद से ही उनके पैरों में कुछ समस्या थी, जिसे देखते हुए डॉक्टरों ने जिम्नास्टिक सिखाने का परामर्श दिया। तब से यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। सौम्यसारथी की 

जुड़वां बहन स्वस्तिका गांगुली भी  राष्ट्रीय स्तर की जिम्नास्ट हैं।

उनके पिता समीर कुमार गांगुली पेशे से व्यवसायी व मां शुभ्रा गांगुली गृहिणी हैं।


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