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Kolkata Durga puja 2021: कोलकाता दुर्गा पूजा में पुजारियों, ढाकियों के लिए कोरोना टीका अनिवार्य

इस वर्ष महामारी के कारण यह पर्व परंपरागत भव्यता के साथ नहीं मनाया जा सकेगा। आवासीय सोसाइटियों ने ‘खूटी पूजा’ कर भी ली है जिसमें दुर्गा पूजा पंडाल लगाने से पहले एक स्तंभ की पूजा की जाती है।

By Priti JhaEdited By: Published: Wed, 25 Aug 2021 09:52 AM (IST)Updated: Wed, 25 Aug 2021 10:15 AM (IST)
Kolkata Durga puja 2021: कोलकाता दुर्गा पूजा में पुजारियों, ढाकियों के लिए कोरोना टीका अनिवार्य
कोलकाता की आवासीय सोसाइटियों की दुर्गा पूजा में पुजारियों, ढाकियों के लिए कोरोना टीका अनिवार्य

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता में बड़े आवासीय परिसर इस साल दुर्गा पूजा के लिए तैयार हो रहे हैं और ऐसी अनेक सोसाइटियों में अक्टूबर में चार दिन तक चलने वाले इस महोत्सव के लिए पुजारियों, ढाकियों या ढोल वादकों तथा अन्य सभी को टीकाकरण कराना अनिवार्य होगा।

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हालांकि इस वर्ष महामारी के कारण यह पर्व परंपरागत भव्यता के साथ नहीं मनाया जा सकेगा। शहर की अनेक आवासीय सोसाइटियों ने ‘खूटी पूजा’ कर भी ली है जिसमें दुर्गा पूजा पंडाल लगाने से पहले एक स्तंभ की पूजा की जाती है। हालांकि उन्हें पूजा संबंधी कुछ योजनाओं को महामारी की तीसरी लहर की आशंका के खतरे को देखते हुए टालना या बदलना पड़ सकता है।

सिल्वर स्प्रिंग आवासीय परिसर के सचिव इंद्रनील चौधरी ने कहा, ‘‘पुजारियों, ढाकियों, पंडाल निर्माताओं, बिजली का काम करने वालों और पंडाल के कामकाज से जुड़े अन्य सभी लोगों को टीके की कम से कम एक खुराक लगाई जाएगी।’’ पूजा पंडालों में बाहरी लोगों का प्रवेश नियंत्रित होगा और उन्हें टीके की कम से कम एक खुराक लेना या कोविड-19 का संक्रमण नहीं होने संबंधी प्रमाणपत्र साथ में रखना अनिवार्य होगा। इस सोसाइटी में रक्षा बंधन के दिन ‘खूटी पूजा’ संपन्न हो गयी है।

चौधरी ने कहा, ‘‘लेकिन यदि महामारी की तीसरी लहर आती है तो हमें अपनी योजनाओं में बदलाव करना पड़ सकता है।’’ उन्होंने कहा कि पंडाल में पूजा समिति के कुछ सदस्यों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। दक्षिण कोलकाता स्थित अरबना हाउसिंग कामप्लेक्स के निवासी और फिल्मकार अरिंदम सिल ने कहा कि पूजा इस बार अपेक्षाकृत कम स्तर पर होगी लेकिन इसके लिए तैयारियां पूरे जोरशोर से चल रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी सोसाइटी के 3,000 निवासियों में से 700 से ज्यादा बच्चे हैं। वे पिछले कई महीने से बंधा हुआ महसूस कर रहे हैं। 15 अगस्त पर खूटी पूजा ने बच्चों को इस बंधन से मुक्त होने का अनुभव कराया।’’ शहर के उत्तरी इलाके में दुर्गानगर की एक सरकारी आवासीय सोसाइटी में पिछले साल की तरह इस साल सांस्कृतिक आयोजन नहीं होंगे


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