बंगाल में कांग्रेस ईकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी का तंज, ‘भाजपा से बड़ी हिंदू समर्थक बनना चाहती हैं ममता’
भाजपा व तृणमूल कांग्रेस पर बंगाल में ‘कंपेटेटिव हिंदुज्म’ की राजनीति करने का आरोप लगाया। गुरुवार को चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस के बंगाल ईकाई के नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय विधानभवन के समक्ष धरना दिया और केंद्र सरकार द्वारा हाल में लाये गये कृषि कानून की निंदा की।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : लोकसभा में विपक्ष के नेता व बंगाल में कांग्रेस ईकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भाजपा व तृणमूल कांग्रेस पर बंगाल में ‘कंपेटेटिव हिंदुज्म’ की राजनीति करने का आरोप लगाया। गुरुवार को चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस के बंगाल ईकाई के नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय विधान भवन के समक्ष धरना दिया और केंद्र सरकार द्वारा हाल में लाये गये कृषि कानून की निंदा की।
धरने में विधानसभा में विपक्ष के नेता अब्दुल मन्नान सहित कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उपस्थित थे। बैठक के बाद चौधरी ने कहा, बंगाल में जात-पात की राजनीति नहीं थी। जात-पात की राजनीति उत्तर भारत के राज्यों में हैं, लेकिन भाजपा को देखकर अब ममता बनर्जी भी जात-पात की राजनीति पर उतर आई हैं।
खुद को हिंदू समर्थक साबित करना चाहती हैं ममता
-चौधरी ने कहा, ‘ममता खुद को भाजपा से बड़ा हिंदू समर्थक साबित करने की कोशिश कर रही हैं। यह बंगाल की सभ्यता और संस्कृति के खिलाफ है।’ उन्होंने कहा कि दीदी (ममता बनर्जी) साबित करने की कोशिश कर रही हैं कि वह बीजेपी से ज्यादा हिंदू समर्थक हैं। उन्होंने कहा कि अमित शाह मतुआ परिवार के घर जाकर भोजन करेंगे, तो दीदी ने मतुआ के लिए 10 करोड़ के फंड देने की घोषणा कर दी, लेकिन कांग्रेस किसी एक जाति व संप्रदाय की नहीं, बल्कि पूरे समाज के विकास की पक्षधर है।
अमित शाह के बंगाल दौरे को चुनावी चमक बताया
अधीर रंजन चौधरी ने शाह के बंगाल दौरे को चुनावी चमक करार देते हुए कहा कि शाह का दौरे का बंगाल के विकास से कुछ लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव आने के साथ ही सीएए व एनआरसी पर बात शुरू हो गयी है, लेकिन कोई महंगाई, बेरोजगारी, उद्योग-धंधा नहीं, गरीबी की बात नहीं कर रहा है। बंगाल के विकास की बात कोई नहीं कर रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अस्तित्व था और रहेगा। बता दें कि कांग्रेस ने बंगाल विधानसभा चुनाव वामपंथी पार्टियों के साथ मिल कर लड़ने की योजना बना रही है। इस बाबत माकपा केंद्रीय कमिटी ने हरी झंडी भी दे दी है।