ममता सरकार व कलकत्ता हाईकोर्ट के भिन्न निर्देशों से उलझन में निजी स्कूल प्रबंधन व अभिभावक
हाईकोर्ट ने समस्त फीस व सरकार ने सिर्फ ट्यूशन फीस का भुगतान करने की कही है बात। ममता सरकार व कलकत्ता हाईकोर्ट के भिन्न निर्देशों से उलझन में निजी स्कूल प्रबंधन व अभिभावक
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। स्कूल फीस को लेकर ममता सरकार व कलकत्ता हाईकोर्ट के भिन्न निर्देशों से निजी स्कूल प्रबंधन व अभिभावक उलझन में हैं। हाईकोर्ट ने मंगलवार को स्पष्ट रूप से कहा कि निजी स्कूलों की समस्त फीस का भुगतान करना होगा। अदालत ने 15 अगस्त तक की समय सीमा तय करते हुए कहा कि उस अवधि तक कम से कम 80 फीसद फीस का भुगतान करना होगा।
जो लोग आर्थिक रूप से सक्षम हैं, उन्हें पूरी फीस का भुगतान करना होगा। वहीं दूसरी तरफ ममता सरकार की तरफ से उसी दिन अधिसूचना जारी कर कहा गया कि निजी स्कूल प्रबंधन इस समय जो सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, बस उसी की फीस ले पाएंगे। स्कूल परिवहन, कंप्यूटर लैब समेत अन्य फीस नहीं ले पाएंगे। अभी फीस में बढ़ोतरी भी नहीं कर सकेंगे।
स्कूल फिलहाल बंद हैं और सिर्फ ऑनलाइन कक्षाएं चल रही हैं इसलिए अभिभावक केवल ट्यूशन फीस ही देना चाहते हैं। इसे लेकर विनीत रुइया नामक एक अभिभावक की तरफ से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसे न्यायाधीश संजीव बनर्जी व न्यायाधीश मौसमी भट्टाचार्य की खंडपीठ ने ठुकरा दिया लेकिन ममता सरकार ने अभिभावकों की मांग को जायज ठहराया है।
सरकार और हाईकोर्ट के अलग-अलग निर्देश से निजी स्कूल प्रबंधन व अभिभावक उलझन में हैं। स्कूल प्रबंधनों को समझ में नहीं आ रहा कि वे ममता सरकार के निर्देश को मानें या फिर हाईकोर्ट के निर्देश।का पालन करें। वही अभिभावक भी सोच रहे हैं कि राज्य सरकार के निर्देशानुसार सिर्फ ट्यूशन फीस का भुगतान करें या फिर हाईकोर्ट के निर्देशानुसार समस्त फीस चुकता करें। स्कूल प्रबंधन इस समय इस बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।