बंगाल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच टकराव बढ़ा, जगदीप धनखड़ के खिलाफ प्रस्ताव लाएगी तृणमूल कांग्रेस
एक फरवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में तृणमूल कांग्रेस जगदीप धनखड़ के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही आइएएस और आइपीएस को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे संशोधन विधेयक के खिलाफ भी तृणमूल प्रस्ताव लाएगी।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच टकराव बढ़ता जा रहा है। एक फरवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में तृणमूल कांग्रेस जगदीप धनखड़ के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। इसके साथ ही आइएएस और आइपीएस को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए जा रहे संशोधन विधेयक के खिलाफ भी तृणमूल प्रस्ताव लाएगी। गुरुवार को तृणमूल सुप्रीमो ममता ने पार्टी सांसदों के साथ बैठक की। कालीघाट स्थित ममता के आवास पर आयोजित वर्चुअल बैठक में बजट सत्र को लेकर रणनीति बनी। बैठक में तृणमूल कांग्रेस गोवा और उत्तर प्रदेश के चुनावों को लेकर भी चर्चा हुई। तृणमूल उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी को समर्थन कर रही है जबकि गोवा में अकेले चुनाव लड़ रही है।
गौरतलब है कि राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच टकराव चल रहा है। राज्यपाल लगभग प्रत्येक दिन ममता सरकार पर हमला बोल रहे हैं। हाल में गणतंत्र दिवस के अवसर पर भी उनके बीच की तल्खी साफ देखी गई थी। आरोप लगा था कि ममता ने राज्यपाल की अगवानी नहीं की थी। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने भी राज्यपाल की आलोचना की थी।
तीन फरवरी को कोरोना को लेकर चर्चा करेंगी मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री आगामी तीन फरवरी को नेताजी इंडोर स्टेडियम में प्रशासनिक बैठक करेंगी। इसमें कोरोना की स्थिति और राज्य सरकार के कार्यक्रमों पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वह चर्चा करेंगी। बैठक में जिलाधिकारियों, पुलिस अधीक्षकों (एसपी) और विभिन्न विभागों के सचिव शामिल होंगे। राज्य सचिवालय के एक अधिकारी ने बैठक की पुष्टि करते हुए बताया कि तीन फरवरी की बैठक में शामिल होने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को दे दिए गए हैं।पुलिस आयुक्तों को भी इसमें शामिल होने को कहा गया है।
लाकडाउन शिशिल करने का हो सकता है फैसला
मुख्यमंत्री के साथ होने वाली यह महत्वपूर्ण बैठक न केवल कोरोना हालात पर समीक्षा के लिए होगी बल्कि इसमें राज्य में प्रशासनिक और कानूनी पहलुओं की भी चर्चा होगी। लाकडाउन की पाबंदियों को प्राथमिकता से लागू करने के साथ-साथ इसे और सख्त करने पर भी निर्णय लिया जा सकता है। खास बात यह है कि बंगाल में लाकडाउन के बाद संक्रमण में बड़े पैमाने पर कमी देखने को मिली है। 15-20 दिन पहले जहां नियमित संक्रमित लोगों की संख्या 20 हजार से अधिक रहती थी, वहीं अब घटकर चार हजार के करीब पहुंच गई हैं जो राहत की बात है।