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केएमसी चुनाव में हिंसा को लेकर एनएचआरसी से ममता बनर्जी और पुलिस आयुक्त के खिलाफ शिकायत

अंबुज दीक्षित ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में अर्जी देकर आरोप लगाया था कि हाल में हुए कोलकाता नगर निगम चुनावों को दौरान बंगाल की मुख्यमंत्री की शह पर तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हिंसा भड़काई और चुनावों में धांधली के लिए गुंडों का इस्तेमाल किया।

By Vijay KumarEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 09:11 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 11:29 PM (IST)
केएमसी चुनाव में हिंसा को लेकर एनएचआरसी से ममता बनर्जी और पुलिस आयुक्त के खिलाफ शिकायत
लीगल सेल की ओर राष्ट्रीय चुनाव आयोग से की गई है शिकायत

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः हाल में हुए कोलकाता नगर निगम(केएमसी) चुनावों के दौरान हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पुलिस आयुक्त के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी) में शिकायत दर्ज कराई गई है। यह शिकायत युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अमरीश रंजन पांडे और युवा कांग्रेस लीगल सेल के कोआर्डिनेटर अंबुज दीक्षित की ओर से दर्ज कराई गई है।

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युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव अमरीश रंजन पांडे और आइवाईसी लीगल सेल के समन्वयक अंबुज दीक्षित ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में अर्जी देकर आरोप लगाया था कि हाल में हुए कोलकाता नगर निगम चुनावों को दौरान बंगाल की मुख्यमंत्री की शह पर तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हिंसा भड़काई और चुनावों में धांधली के लिए गुंडों का इस्तेमाल किया। अर्जी में कहा गया था कि न सिर्फ गुंडों को शह दी गई बल्कि कोलकाता पुलिस ने भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। इस अर्जी पर आयोग ने शिकायत संख्या 118/25/5/2022 दर्ज की है।

कोलकाता नगर निगम का चुनाव 19 दिसंबर 2021 को हुआ था। कांग्रेस का आरोप है कि मतदान के दिन सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की शह पर असामाजिक तत्वों ने बड़े पैमाने पर हिंसा की थी और विपक्षी दलों को नेताओं और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया था। तृणमूल कार्यकर्ताओं ने कई कांग्रेस उम्मीदवारों और कार्यकर्ताओं की सरेआम पिटाई भी की थी। इनमें वार्ड नंबर 16 के उम्मीदवार को कपड़े उतारकर सार्वजनिक तौर पर पीटा गया था।

इसी तरह वार्ड 45 में भी कांग्रेस उम्मीदवार और कार्यकर्ताओँ पर पुलिस की मौजूदगी में हमले हुए थे। बड़े पैमाने पर हुई हिंसा में मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन किया गया था, लेकिन पुलिस और राज्य प्रशासन मूक दर्शक बना रहा था। इतना ही नहीं कुछ जगहों पर तो पुलिस ने गुंडों की ही मदद की थी। इस अर्जी पर विचार करने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने शिकायत दर्ज करते हुए आरोपित पक्षों को नोटिस भेजा है और मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत मामले की जांच प्रक्रिया शुरू करने को कहा है।


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