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माध्यमिक में जिलों के विद्यार्थियों ने लहराया परचम, पीछे छूटा कोलकाता

इस वर्ष भी पश्चिम बंगाल की माध्यमिक परीक्षा में जिलों के छात्र-छात्राओं ने बेहतर रिजल्ट किया है। मेधा तालिका में 56 छात्र-छात्राओं के नाम शामिल हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 09:59 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jun 2018 09:59 AM (IST)
माध्यमिक में जिलों के विद्यार्थियों ने लहराया परचम, पीछे छूटा कोलकाता
माध्यमिक में जिलों के विद्यार्थियों ने लहराया परचम, पीछे छूटा कोलकाता

कोलकाता, जागरण संवाददाता। इस वर्ष भी पश्चिम बंगाल की माध्यमिक परीक्षा में जिलों के छात्र-छात्राओं ने बेहतर रिजल्ट किया है। मेधा तालिका में 56 छात्र-छात्राओं के नाम शामिल हैं। इनमें से कोलकाता के स्कूलों के मात्र दो विद्यार्थियों ने ही जगह बना पाई है जबकि बाकी सभी विद्यार्थी विभिन्न जिलों के हैं।

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इनमें कूचबिहार के सुनीति एकेडमी की संजीवनी देवनाथ का प्रथम स्थान है। उन्होंने सर्वाधिक 689 अंक हासिल किए हैं। कोलकाता के बरानगर आरके मिशन आश्रम हाई स्कूल के सार्थक तालुकदार ने 683 अंक के साथ सातवां स्थान हासिल किया है। कोलकाता के गवर्नमेंट स्पांसर्ड मल्टिपर्पस स्कूल फॉर ब्यॉज टाकी हाउस के पवित्र सेनापति 680 अंक के साथ दसवें स्थान पर हैं। पूर्व ब‌र्द्धमान के सातछिया हाई स्कूल के शीर्षेदु साहा ने 688 अंक के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है।

कूचबिहार के सुनीति एकेडमी की मयूराक्षी सरकार ने 687 अंक हासिल किए हैं। राज्य में उनका तीसरा स्थान है। जलपाईगुड़ी के जलपाईगुड़ी जिला स्कूल के नीलाबजा दास और मृण्मय मंडल ने भी 687 अंक के साथ तीसरा स्थान हासिल किया है। उत्तर 24 परगना के प्रफुल्लनगर विद्या मंदिर के दीप गाइन राज्य में चौथे स्थान पर हैं। उन्हें 686 अंक प्राप्त हुए हैं। मेधा तालिका के बाकी सभी 54 छात्र-छात्राएं जिलों से हैं। जिलास्तर पर पूर्व मेदिनीपुर का राज्य में प्रथम स्थान है। इस जिले का 96.13 फीसद रिजल्ट हुआ है। इस बार राज्य में कुल 85.49 फीसद रिजल्ट हुआ है। पिछली बार यह आंकड़ा 85.65 फीसद था।

पश्चिम बंग माध्यमिक शिक्षा पर्षद के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली ने बुधवार को परीक्षा परिणाम की घोषणा करते हुए उक्त जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि इस बार 10 लाख 84178 छात्र-छात्राओं ने परीक्षा दी थी। इन परीक्षार्थियों में से आठ लाख 99564 ने सफलता हासिल की है। उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं में रेगुलर, सीसी व कांपार्टमेंटल छात्र-छात्राओं की कुल संख्या आठ लाख 99002 हैं। इनमें छात्रों की संख्या चार लाख 21193 तथा छात्राओं की संख्या चार लाख 77809 है। इस वर्ष परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों की तुलना में छात्राएं 11.91 फीसद अधिक थी। इस साल माध्यमिक परीक्षा 12 मार्च से शुरू हुई थी जो 21 मार्च तक चली।

डाक्टर बनना चाहती हैं बंगाल टॉपर संजीवनी देवनाथ

माध्यमिक परीक्षा में अव्वल हुई कूचबिहार के सुनीति एकेडमी की छात्रा संजीवनी देवनाथ को आशा नहीं थी कि इतना अच्छा रिजल्ट होगा। उन्होंने कहा कि जितना हो सका, पढ़ाई की। वह साइंस लेकर पढ़ना चाहती हैं। उनका लक्ष्य डाक्टर बनाना है। अपनी सफलता के लिए वह अपने माता-पिता एवं शिक्षकों को धन्यवाद देती हैं। उन्होंने बताया कि माता-पिता एवं गुरुजनों सभी ने उनका सहयोग किया। वह नियमित नहीं पढ़ाई करती थीं। जब समय मिलता था, उसी समय अध्ययन कर लेती थीं। कहानी की किताबें पढ़ने में रुचि रखती हैं। संजीवनी ने सर्वाधिक 689 अंक हासिल कर बंगाल में टॉप किया है।

हर बार प्रथम आने वाले शीर्षेदु को मिला दूसरा स्थान

पूर्व ब‌र्द्धमान के सातछिया हाई स्कूल के शीर्षेदु साहा ने 688 अंक के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है। वह आगे साइंस लेकर पढ़ाई करना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह प्रतिदिन पांच घंटे अध्ययन करते थे। उनके अनुसार उनकी सफलता में परिजनों के साथ ही शिक्षकों एवं मित्रों का भी योगदान है। वह शुरू से प्रथम आते रहे हैं। माध्यमिक परीक्षा में उनका स्थान राज्य में द्वितीय है। प्रथम नहीं आने का उन्हें कोई अफसोस नहीं है। अपनी सफलता से काफी उत्साहित हैं। क्रिकेट और फुटबाल में भी रुचि रखते हैं। कहानी कि किताबें पढ़ना भी पसंद करते हैं।

कोलकाता के स्कूल के पवित्र बनना चाहते हैं इंजीनियर

कोलकाता के गवर्नमेंट स्पांसर्ड मल्टिपार्पस स्कूल फॉर ब्यॉज टाकी हाउस के पवित्र सेनापति 680 अंक के साथ राज्य में दसवें स्थान पर हैं। वह इंजीनियर बनना चाहते हैं। वह अपनी कामयाबी से उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि वह दिन में सात घंटे तक पढ़ाई करते थे। सफलता पाने में उन्हें गृह शिक्षकों के साथ ही स्कूल के शिक्षकों ने सहायता की। गणित उनका पसंदीदा विषय है। उन्होंने कहा कि अध्ययन के साथ ही उसका अभ्यास भी जरूरी होता है। वह पूर्व मेदिनीपुर के रहने वाले हैं, लेकिन कोलकाता क्षेत्र स्थित स्कूल में पढ़ते थे।

कामयाबी का सिलसिला जारी, इस बार भी अव्वल हुआ पूर्व मेदिनीपुर

माध्यमिक परीक्षा के परिणाम की दृष्टि से राज्य में पूर्व मेदिनीपुर ने सर्वोच्च स्थान हासिल किया है। इस जिले का 96.13 फीसद रिजल्ट हुआ है। गौर हो कि पिछले कई वर्षो से पूर्व मेदिनीपुर के छात्र-छात्रा सफलता का परचम लहराते आ रहे हैं। इस बार भी इस जिले ने परंपरा को बरकरार रखा है। इस बार जिले के 98.08 फीसद छात्र एवं 94.40 फीसद छात्राएं उत्तीर्ण हुई हैं।

पूरे उत्तर बंगाल ने बेहतर परिणाम किया है। पश्चिम मेदिनीपुर का 91.75 फीसद, कोलकाता का 91.11, दक्षिण 24 परगना का 91.07, उत्तर 24 परगना का 90.86, हुगली का 88.97, हावड़ा का 88.12 एवं कालिंगपोंग 86.95, झाड़ग्राम 85.04, नदिया 83.50, पूर्व ब‌र्द्धमान 82.58, मुर्शिदाबाद 79.19, मालदह 79.33, बांकुड़ा 79.59, पुरुलिया 77. 22, कूचबिहार 74.12, पश्चिम ब‌र्द्धमान 74.19, बीरभूम 74.35, दक्षिण दिनाजपुर 74.34, दार्जिलिंग 74.96, उत्तर दिनाजपुर 66, जलपाईगुड़ी 66.73 तथा अलीपुरद्वार का 68.42 फीसद रिजल्ट हुआ है। कालिंगपोंग ने जिले के रूप में प्रथम बार 86.95 फीसद परिणाम किया है।

माध्यमिक परीक्षा में राज्य के जिलों की तुलना में इस बार कोलकाता पिछड़ गया है। इसके मात्र दो छात्र ही मेधा तालिका में स्थान बना पाए हैं। इस वर्ष पश्चिम बंग माध्यमिक शिक्षा पर्षद ने 56 छात्र-छात्राओं के नाम की मेधा सूची जारी की है। इसमें से 54 जिलों के विद्यार्थी हैं जबकि दो कोलकाता के हैं।

अगले वर्ष माध्यमिक परीक्षा 12 फरवरी से

अगले वर्ष माध्यमिक परीक्षा 12 फरवरी को शुरू होगी। परीक्षा 22 फरवरी तक चलेगी। पश्चिम बंग माध्यमिक शिक्षा पर्षद के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली ने बुधवार को इस वर्ष के परीक्षा परिणाम की घोषणा के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक दिन एक पेपर की परीक्षा होगी। परीक्षा सुबह 11.45 से अपराह्न 3 बजे तक होगी होगी। इस वर्ष की तुलना में अगले वर्ष माध्यमिक परीक्षा कुछ पहले शुरू होगी। इस वर्ष माध्यमिक परीक्षा 12 मार्च से शुरू हुई थी जो 21 मार्च तक चली।

परीक्षार्थियों में छात्रों से अधिक रही मुस्लिम छात्राएं

इस बार माध्यमिक परीक्षा में छात्रों की तुलना मुस्लिम छात्राओं की भागीदारी अधिक रही। परीक्षा देने वाले मुस्लिम छात्रों की संख्या 102620 थी जबकि छात्राओं की संख्या 174678 रही। इस पर माध्यमिक बोर्ड ने प्रसन्नता जताई है। बोर्ड के अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली ने कहा कि परीक्षा में मुस्लिम छात्राओं की संख्या बढ़ना इस बात का संकेत है कि अल्पसंख्यकों में भी नारी शिक्षा के प्रति रूचि बढ़ रही है। वहीं इस बार दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने भी बेहतर प्रदर्शन किया है। 88.82 फीसद दिव्यांग परीक्षार्थियों ने सफलता हासिल की है। 


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