कोयला तस्करी मामले में 23 को दिल्ली के ईडी कार्यालय जाएंगे बंगाल के मंत्री मलय घटक, ईडी के समन पर नहीं हुए थे हाजिर
बंगाल में कोयला तस्करी मामले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में राज्य के कानून मंत्री व तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मलय घटक 23 सितंबर को दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय जाएंगे। गत मंगलवार को जांच के सिलसिले में ईडी ने उन्हें तलब किया था
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : बंगाल में कोयला तस्करी मामले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में राज्य के कानून मंत्री व तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मलय घटक 23 सितंबर को दिल्ली स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कार्यालय जाएंगे। गत मंगलवार को जांच के सिलसिले में ईडी ने उन्हें तलब किया था, लेकिन वे ईडी के दिल्ली कार्यालय में हाजिर नहीं हुए। उन्होंने ईडी को पत्र लिखकर कहा था कि इतने कम समय (शार्ट नोटिस) में दिल्ली की यात्रा करने में वह असमर्थ हैं। उन्होंने ईडी अधिकारियों से कोलकाता में या वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए पूछताछ करने का अनुरोध किया था।
बता दें कि इससे पहले ईडी ने इस मामले में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे सांसद और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी से छह सितंबर को नौ घंटे तक पूछताछ की थी।हालांकि आठ सितंबर को अभिषेक को फिर पूछताछ के लिए बुलाया गया था लेकिन वे हाजिर नहीं हुए थे।
इसके बाद ईडी ने हाल में अभिषेक बनर्जी से दोबारा पूछताछ के लिए उन्हें फिर समन भेजकर 21 सितंबर को बुलाया है। इससे पहले अभिषेक की पत्नी रुजिरा बनर्जी को भी समन भेजा गया था लेकिन वह हाजिर नहीं हुई थी। रुजिरा ने कोरोना महामारी का हवाला देते हुए दिल्ली जाने में असमर्थता जताई थी और कोलकाता में ही उनसे पूछताछ करने का अनुरोध किया था।
गौरतलब है कि कोयला तस्करी मामले में ईडी ने सीबीआइ की नवंबर, 2020 की एक एफआइआर का अध्ययन करने के बाद मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत यह मामला दर्ज किया था। सीबीआइ की एफआइआर में आसनसोल और उसके आसपास कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाकों में ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (ईसीएल) की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला घोटाले का आरोप लगाया गया है। इस मामले में अनूप माजी उर्फ लाला मुख्य संदिग्ध है।
ईडी का दावा है कि अभिषेक बनर्जी व अन्य तृणमूल नेता इस अवैध व्यापार से प्राप्त धन के लाभार्थी हैं, लेकिन उन्होंने सभी आरोपों से इन्कार किया है। बता दें कि ममता सरकार में मंत्री मलय घटक आसनसोल से ही विधायक हैं। उसी क्षेत्र का यह कोयला घोटाले का मामला है।