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सीएम ममता के मुख्य सलाहकार अलापन बंद्योपाध्याय को पर केंद्र सरकार ने भेजा नया नोटिस, कड़ी कार्रवाई की चेतावनी

सेवानिवृत्त होने के बावजूद केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने अनुशासन के कथित उल्लंघन के लिए अलापन के खिलाफ जांच करने का फैसला किया है। राज्य के पूर्व मुख्य सचिव को 30 दिनों के भीतर अपना बचाव करना होगा। अन्यथा वे सेवानिवृत्ति लाभ से वंचित हो सकते हैं।

By Vijay KumarEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 09:50 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 09:50 PM (IST)
सीएम ममता के मुख्य सलाहकार अलापन बंद्योपाध्याय को पर केंद्र सरकार ने भेजा नया नोटिस, कड़ी कार्रवाई की चेतावनी
मुख्य सलाहकार अलापान बंद्योपाध्याय के खिलाफ केंद्र सरकार ने अनुशासनहीनता के लिए कार्रवाई शुरू कर दी

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव और वर्तमान में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मुख्य सलाहकार अलापान बंद्योपाध्याय के खिलाफ केंद्र सरकार ने अनुशासनहीनता के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। सेवानिवृत्त होने के बावजूद केंद्रीय कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने अनुशासन के कथित उल्लंघन के लिए अलापन के खिलाफ जांच करने का फैसला किया है। राज्य के पूर्व मुख्य सचिव को 30 दिनों के भीतर अपना बचाव करना होगा। अन्यथा वे सेवानिवृत्ति लाभ से वंचित हो सकते हैं।

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केंद्र सरकार ने अलापन के आचरण व व्यवहार पर सवाल उठाते हुए अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) के नियम संख्या आठ के तहत उनके खिलाफ 18 जून को जांच शुरू करने के आदेश के साथ एक नोटिफिकेशन जारी किया है। जिसमें बड़ा जुर्माना लगाने का प्रस्ताव भी है। नोटिफिकेशन में बताया गया है कि उनके खिलाफ कदाचार का आरोप हैं। केंद्र से पत्र मिलने के 30 दिन के भीतर पूर्व मुख्य सचिव को अपना बचाव करना होगा। उन्हें उसे यह भी बताना होगा कि क्या वह व्यक्तिगत रूप से हाजिर होना चाहते हैं या नहीं। यदि नियत समय पर लिखित जवाब या फिर सशरीर हाजिर नहीं हुए तो संबंधित जांच प्राधिकारी उनके खिलाफ एकतरफा कार्रवाई कर सकता है।

बताते दें कि कलाईकुंडा में प्रधानमंत्री की बैठक में तत्कालीन मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय हाजिर नहीं हुए थे। केंद्र ने उन्हें आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कारण बताओ नोटिस जारी किया था। चक्रवात यास से हुए नुकसान का जायजा लेने के बाद मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव कलाईकुंडा हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक करने वाले थे। प्रधानमंत्री और उनकी टीम ने करीब 30 मिनट तक उनका इंतजार किया। एक अधिकारी ने मुख्य सचिव से जानना चाहा कि क्या वह बैठक में हिस्सा लेंगे। इसके बाद मुख्यमंत्री मुख्य सचिव के साथ पहुंचे। वे कुछ देर बाद चले गए। केंद्र की ओर से कहा गया कि अलापना ने एक सरकारी कर्मचारी के रूप में आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 (बी) का उल्लंघन किया है क्योंकि वह पीएम की बैठक से अनुपस्थित थे। केंद्र जानना चाहता है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 के तहत उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जाएगी? अलापन बंद्योपाध्याय ने बताया कि दीघा में उनकी प्रशासनिक बैठक पहले से ही थी। मुख्यमंत्री ने अपनी ओर से प्रधानमंत्री से जाने की अनुमति मांगी। राज्य के मुख्य सचिव के रूप में मुख्यमंत्री के निर्देशों का पालन करना उनका कर्तव्य है।

उनका मुख्य सचिव के पद का कार्यकाल 31 मई तक था। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ा दिया था। परंतु, कलाईकुंडा की घटना के बाद अलापन को दिल्ली स्थानांतरित कर दिया गया था। उन्होंने इस विवाद के बाद विस्तारित कार्यकाल को स्वीकार नहीं किया। 31 मई को सेवानिवृत्त हो गए। इसके तुरंत बाद ही ममता बनर्जी ने तीन साल के लिए उन्हें मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार नियुक्त कर दिया। वे एक जून से मुख्यमंत्री का मुख्य सलाहकार के रूप में कार्यरत हैं।


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