बंगाल में कोविड के मामले बढ़ने पर नगर निगम चुनाव पर अनिश्चितता के बादल मंडराए
22 जनवरी को होने हैं चार नगर निगमों सिलीगुड़ी चंदननगर विधाननगर आसनसोल में चुनाव।राज्य सरकार ने संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच कोविड संबंधी पाबंदियां लगाते हुए सभी शैक्षणिक संस्थानों को तीन जनवरी से बंद करने और कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने का आदेश जारी किया।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता । कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामले व महामारी की संभावित तीसरी लहर आने के खतरे के बीच बंगाल में चार नगर निगमों के आगामी चुनावों पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं। राजनीतिक दलों और राज्य निर्वाचन आयोग (एसइसी) ने अभी यह तय नहीं किया है कि क्या 22 जनवरी को निर्धारित तारीख पर चुनाव कराए जाएं या इन्हें टाल दिया जाए।
इस बीच राज्य सरकार ने संक्रमण के मामलों में वृद्धि के बीच रविवार को कोविड संबंधी पाबंदियां लगाते हुए सभी शैक्षणिक संस्थानों को तीन जनवरी, सोमवार से बंद करने और कार्यालयों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने का आदेश जारी किया। इससे पहले राज्य चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि चार नगर निगमों - सिलीगुड़ी, चंदननगर, विधाननगर और आसनसोल में चुनाव 22 जनवरी को होंगे।
राज्य निर्वाचन आयुक्त सौरव दास से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि वह अभी यह बताने की स्थिति में नहीं है कि क्या निर्धारित तारीख पर चुनाव कराए जाएंगे या स्थगित किए जाएंगे। उन्होंने कहा, मैं अभी इस पर टिप्पणी नहीं कर सकता हूं। मुझे राज्य सरकार के साथ इस मामले पर चर्चा करनी होगी और फिर फैसला लिया जाएगा।
टीएमसी व विपक्षी दलों ने एसइसी पर छोड़ा फैसला
वहीं, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी दलों दोनों ने सीधे तौर पर यह बताने से इन्कार कर दिया कि वे निर्धारित तारीख पर चुनाव कराना चाहते हैं या नहीं और उन्होंने इस पर फैसला लेने की जिम्मेदारी एसइसी पर डाल दी। टीएमसी के वरिष्ठ नेता व सांसद सौगत राय ने कहा, हालात चिंताजनक है लेकिन एसइसी यह निर्णय लेगा कि चुनाव कराए जाएं या नहीं। एसइसी जो भी फैसला लेगा हम उसका पालन करेंगे।
वहीं, विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने टीएमसी सरकार पर राज्य में महामारी की तीसरी लहर प्रायोजित करने का आरोप लगाया। प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा, अगर तीसरी लहर राज्य में आती है तो यह राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित तीसरी लहर होगी। हमने देखा कि उत्सवों के दौरान कैसे राज्य में लोगों को एकत्रित होने दिया गया। चुनाव कराने पर हमारी राय के संबंध में देखते हैं कि एसइसी और राज्य सरकार क्या फैसला करती है, फिर हम टिप्पणी करेंगे। उनका समर्थन करते हुए माकर्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने भी कहा कि एसइसी के निर्णय लेने के बाद पार्टी टिप्पणी करेगी। उन्होंने कहा, राज्य सरकार के पास मेलों और खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करने का समय है। अगर हम इसका विरोध करते तो सरकार हमारी नहीं सुनती। तो पहले सरकार और एसइसी को फैसला लेने दीजिए कि वे क्या चाहते हैं, फिर हम टिप्पणी कर सकते हैं।