भारत-बांग्लादेश के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 'संप्रीति' संपन्न
- रक्षा सहयोग मजबूत करने के लिए लगातार नौवें वर्ष आयोजित हुआ यह अभ्यास - मेघालय के उ
- रक्षा सहयोग मजबूत करने के लिए लगातार नौवें वर्ष आयोजित हुआ यह अभ्यास
- मेघालय के उमरोई में 14 दिनों तक दोनों देशों के सैनिकों ने लिया हिस्सा राज्य ब्यूरो, कोलकाता : भारत और बांग्लादेश की सेनाओं के बीच आपसी सहयोग व संबंधों को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से आयोजित वार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास 'संप्रीति-9' का नौवां संस्करण रविवार को मेघालय के उमरोई में सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। तीन फरवरी को शुरू हुए इस 14 दिवसीय अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सैनिकों ने विभिन्न तरह के अभ्यासों में हिस्सा लिया। रक्षा मंत्रालय की ओर से एक बयान में बताया गया कि दोनों देशों के सैनिकों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत उग्रवाद व आतंवाद से मुकाबला करने के लिए पहाड़ों व जंगली इलाकों में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशनों के साथ बेहतर तालमेल बिठाने के लिए कमांड पोस्ट एक्सरसाइज और फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज आदि में हिस्सा लिया। साथ ही अभ्यास के दौरान टेक्निकल फायरिग से लेकर जंगल रेंज फायरिग और रूम इंटरवेंशन और कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन का जबर्दस्त अभ्यास किया गया। इसके अलावा पावर पैक एंटी टेरेरिज्म ड्रिल भी यहां की गई, जिसमें हेलीकॉप्टर ऑपरेशंस और एंटी लैंडमाइंस, आइइडी ड्रिल भी देखने को मिलीं। युद्धाभ्यास के अतिरिक्त दोनों देशों के सैनिकों ने दोस्ताना वॉलीबॉल और बास्केटबॉल मैंचों सहित कई गतिविधियों में भाग लिया। सैन्य अभ्यास के समापन के मौके पर एक शानदार परेड का आयोजन किया गया जिसमें मिलिट्री बैंड की धुन के साथ दोनों देशों के सैनिक कदमताल करते दिखे और सैन्य कमांडर्स को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके साथ दोनों सेनाओं के बीच स्मृति चिन्हों का आदान-प्रदान किया गया। इस दौरान दोनों देशों की सेना के वरिष्ठ कमांडर व अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे। दोनों देशों के अधिकारियों ने इस अभ्यास को अभूतपूर्व सफलता बताया।
इस सैन्य अभ्यास में बांग्लादेश की सेना के 31 अधिकारियों एवं 138 विभिन्न रैंक के सैनिकों के प्रतिनिधिमंडल के साथ भारतीय सेना की ओर से भी इतनी ही संख्या में सैन्य प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। दरअसल, संप्रीति भारत व बांग्लादेश के बीच एक महत्वपूर्ण द्विपक्षीय रक्षा अभ्यास है जिसकी मेजबानी दोनों देश बारी-बारी से करते आ रहे हैं। द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने के तहत आयोजित इस अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और समन्वय स्थापित करना है।