शीतलकूची फायरिंग कांड में सीआइएसएफ के आरोपित जवानों से पूछताछ को अदालत का रूख करेगी सीआइडी
शीतलकूची फायरिंग कांड की जांच कर रही सीआइडी केंद्रीय बल सीआइएसएफ के आरोपित जवानों से पूछताछ के लिए अब अदालत का रूख करेगी। गौरतलब है कि सीआइडी की तरफ से आरोपित जवानों को तफ्तीश के लिए तीन-तीन बार तलब किया जा चुका है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : शीतलकूची फायरिंग कांड की जांच कर रही सीआइडी केंद्रीय बल सीआइएसएफ के आरोपित जवानों से पूछताछ के लिए अब अदालत का रूख करेगी। गौरतलब है कि सीआइडी की तरफ से आरोपित जवानों को तफ्तीश के लिए तीन-तीन बार तलब किया जा चुका है। हर बार ड्यूटी में व्यस्त रहने का हवाला देकर सीआइएसएफ के जवान सीआईडी के सामने हाजिर होने से बचते रहे हैं। अब सीआइडी उन्हें अपने सामने उपस्थित करने के लिए अदालत में आवेदन जा रही है। गौरतलब है कि शीतलकूची के घटना के बाद केंद्रीय बल की तरफ से जो बयान दिया गया था, वह सीआइडी जांच में सामने आ रहे तथ्यों से मेल नहीं खा रहे। इसी कारण आरोपित जवानों से पूछताछ करना जरूरी है।
गौरतलब है कि गत 10 अप्रैल को बंगाल विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान के दौरान कूचबिहार जिले के शीतलकूची के 126 नंबर बूथ के बाहर केंद्रीय बल के जवानों की ओर से चलाई गई गोलियों में चार लोगों की मौत हो गई थी। केंद्रीय बल के कमांडेंट सुनील कुमार ने माथाडांगा थाने में दर्ज कराए गए बयान में कहा था कि अचानक 300-400 गांव वालों ने कश जवानों पर हमला बोल दिया था। हालात नियंत्रण से बाहर होते जा रहे थे इसलिए जवानों को गोलियां चलानी पड़ी थीं।
इस घटना की जांच के लिए सीआइडी के डीआइजी (स्पेशल) कल्याण मुखोपाध्याय के नेतृत्व में चार सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया गया था। सीआइडी सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक तौर पर पता चला है कि मतदान के दौरान कुछ लोगों ने केंद्रीय बल के जवानों को उकसाया था इसके बाद जवानों ने हालात की समीक्षा किए बिना ही लोगों को मारा-पीटा था। इसमें 14 साल का एक किशोर बुरी तरह जख्मी हो गया था। यह घटना बूथ से करीब आधा किलोमीटर की दूरी पर हुई थी। जवानों की इस हरकत से गांववाले उग्र हो गए थे। उन्हें नियंत्रित करने के लिए जवानों ने पहले छह राउंड गोलियां चलाई, जिससे तनाव और बढ़ गया। इसके बाद जवानों ने और नौ राउंड गोलियां चलाई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई। इस मामले में कूचबिहार के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक देवाशीष धर को पहले ही निलंबित किया जा सकता है। सीआइडी उनसे पूछताछ भी कर चुकी है।