रेस्तराओं में पाए गए भगाड़ का मांस को खाना तो दूर उसकी जांच भी नहीं की जा सकती: सीआईडी
आठ रेस्तराओं के खाने में विषाक्त जीवाणु पाए जाने की घटना प्रकाश में आई है। इसमें अमिनिया और डोमिनोज जैसे नामी होटल-रेस्तरां भी शामिल है।
जागरण संवाददाता, कोलकाता। विधाननगर नगर निगम क्षेत्र के आठ रेस्तराओं के खाने में विषाक्त जीवाणु
पाए जाने की घटना प्रकाश में आई है। इसमें अमिनिया और डोमिनोज जैसे नामी होटल-रेस्तरां भी शामिल है। इसकी जानकारी विधाननगर के मेयर सब्यसाची दत्त ने दी।
मेयर ने बताया कि भगाड़ कांड के बाद राजारहाट से दमदम तक निगम की ओर से जांच अभियान चला कर करीब 33 होटल, रेस्तराओं और स्ट्रीट फूड स्टॉल से चिकन और मटन समेत खाद्य पदार्थों के नमूने संग्रह कर राज्य खाद्य जांच केंद्र में भेजा गया था। वहां से 13 रेस्तराओं की रिपोर्ट आई है, जिसमें से आठ में सालमोनेला, इस्चेरेशिया कोलाई और स्टेफाइलोक्कस जैसे घातक जीवाणु मिले हैं, जो शरीर के लिए काफी हानिकारक है।
जांच रिपोर्ट में चिकन और मटन (मांस) में सबसे ज्यादा घातक जीवाणु मिले हैं। इन रेस्तराओं में सॉल्टलेक का
डोमिनोज, चिनार पार्क का अमिनिया और सॉल्टलेक के चाऊमीन स्टॉल शामिल हैं। इसके सेवन से विभिन्न बीमारियां होने का खतरा प्रबल है। अभी भी 20 रेस्तराओं के जांच नमूने आने बाकी हैं। उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है। मेयर ने दमदम के एक रेस्तरां के खाने में भी विषाक्त जीवाणु मिलने की जानकारी
देते हुए चेतावनी वाला नोटिस भेजने की बात कही। साथ ही कहा कि इसके बाद भी खाने की गुणवत्ता नहीं सुधरी तो ऐसे होटलों-रेस्तराओं के लाइसेंस तक रद कर दिया जाएगा।
गौरतलब हो कि भगाड़ के मरे जानवरों के सड़े मांस और मरी मुर्गियों के मांस को अच्छे मांस के साथ मिला कर
नामी रेस्तराओं में परोसे जाने का भंडाफोड़ होने के बाद विधाननगर नगर निगम ने अपने क्षेत्र के राजारहाट से दमदम तक के होटलों, रेस्तराओं और स्ट्रीट फूड स्टॉल में अभियान चला कर खाद्य पदार्थों के नमूने संग्रह कर रहा है।
खाना तो दूर, जांच योग्य भी नहीं है भगाड़ का मांस : सीआइडी
भगाड़ (कचरा डंपिंग ग्राउंड) में फेंके गए मृत पशुओं के मांस के कारोबार का भंडाफोड़ होने के बाद जब सीआइडी
ने अदालत को अपनी रिपोर्ट सौंपी तो कई चौंकाने वाले तथ्य का खुलासा हुआ है। सीआइडी ने अलीपुर कोर्ट
में जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें कहा गया है कि भगाड़ का मांस ऐसा है कि उसे खाना तो दूर उसकी जांच भी नहीं की जा सकती। बताते चलें कि भगाड़ मांस कांड का भंडोफोड़ होने के बाद 9 मई को सीआइडी ने जांच का जिम्मा संभाला थी।
इससे पहले जिला पुलिस मामले की जांच कर रही थी। बुधवार को सीआइडी की ओर से उक्त मामले की रिपोर्ट अलीपुर कोर्ट को सौंपी जिसमें सीआइडी ने लिखा है कि भगाड़ का मांस इतना सड़ा और बदबूदार है कि उसकी जांच भी नहीं की जा सकती। राज्य के विभिन्न हिस्सों में कूड़े में फेंके गए मृत जानवरों का सड़ा-गला मांस महानगर व पासपड़ोस के जिलों के विभिन्न रेस्तरां में सप्लाई करने के मामले में भयावह रिपोर्ट सामने आने के बाद जांच अधिकारी से लेकर आम लोग तक हैरान हैं।
सीआइडी ने रिपोर्ट में फॉरेंसिक लैब की टिप्पणी का उल्लेख है जिसमें कहा गया है कि दक्षिण 24 परगना के बजबज में सबसे पहले टैक्सी में सड़े मांस जब्त किए गए थे, वे इतने हद तक सड़े थे कि वे फॉरेंसिक जांच के लायक भी नहीं है।
आइडी ने यह भी बताया है कि इस हद तक सड़ चुके मांस को भी रसायनों के जरिए संरक्षित करने और उसे ताजा मांस में मिलाकर विभिन्न रेस्तरां में सप्लाई किया जाता रहा है। ज्ञात हो कि मामले के प्रकाश में आने के बाद राज्यभर में सड़े मांस सप्लाई के कारोबार का खुलासा हुआ था।
मामले में अब तक 12 लोगों की गिरफ्तारी हुई है। उधर जिले में सड़े मांस की सप्लाई रोकने के लिए राज्य पुलिस के प्रवर्तन विभाग (ईबी) व नगर निकाय लगातार रेस्तराओं व होटलों में अभियान चला रहा है। दो दिनों से आसनसोल व सीमावर्ती इलाके के विभिन्न रेस्तरां से मांस के नमूने संग्रह किए जा रहे हैं। वहीं सॉल्टलेक, दमदम और उत्तर 24 परगना, हावड़ा, हुगली समेत कई जिलों में लगातार छापेमारी की जा रही है।