मुख्यमंत्री अपनी विफलता छिपाने के लिए बाढ़ को लेकर दामोदर घाटी निगम पर कर रही दोषारोपण : घोष
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने डीवीसी के चेयरमैन से मुलाकात कर की सूबे में बाढ़ की स्थिति पर चर्चा। ट्वीट कर कहा कि राज्य के अभिभावक होने के नाते ममता से जनता को गढी़ हुई कहानी के बजाय सच्चाई जानने का हक है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों में बाढ़ की स्थिति के बीच भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व मेदिनीपुर से पार्टी सांसद दिलीप घोष ने मंगलवार को दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) के चेयरमैन राम नरेश सिंह से मुलाकात की। दोनों के बीच सूबे में बाढ़ की वर्तमान स्थिति पर चर्चा हुई। बैठक के बाद घोष ने ट्वीट कर कहा-' ममता बनर्जी अपनी विफलता छिपाने के लिए एक और झूठ बोल रही है। मुख्यमंत्री ने बाढ़ को लेकर डीवीसी पर दोषारोपण किया है। राज्य की अभिभावक होने के नाते ममता से जनता को गढी़ हुई कहानी के बजाय सच्चाई जानने का हक है।'
बाढ़ से निपटने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने का अनुरोध
गौरतलब है कि बाढ़ की स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ने गत शनिवार को डीवीसी पर जमकर बरसते हुए कहा था-'डीवीसी ने 5.5 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा, जिससे बंगाल के आठ जिले बाढ़ग्रस्त हो गए। डीवीसी ने चार बार पानी छोड़ा। पानी छोड़ने से पहले एक बार भी बंगाल सरकार को सूचित नहीं किया। बाढ़ से एक लाख घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। यह एक अपराध है। हम इसका प्रतिवाद करते हैं और झारखंड सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध करते हैं। हम केंद्र से भी बाढो़ं को नियंत्रित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार करने का अनुरोध करते हैं।'
ड्रेजिंग करवा लेती झारखंड सरकार, न होती विकट स्थिति
ममता ने आगे कहा था-'यह मानव जनित बाढ़ है। अगर झारखंड सरकार ने अपने बांधों की ड्रेजिंग कराई होती तो बंगाल को इतनी विकट स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। बाढ़ से सूबे के पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व व पश्चिम बर्द्धमान, बांकुड़ा, हुगली, बीरभूम व हावड़ा जिले के विभिन्न इलाकों की स्थिति विकट है।' ममता ने उम्मीद जताई थी कि बाढ़ का पानी जल्द उतर जाएगा, हालांकि यह भी कहा कि अगर हालात ऐसे ही बने रहे तो राज्य सरकार डीवीसी से मुआवजे की मांग करेगी।