Chhath puja 2019: पूरी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ नहाय-खाय संपन्न, खरना आज
सुबह से ही नदी तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी। महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं खरना का पालन शुक्रवार को किया जाएगा।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। लोक आस्था का महापर्व छठ गुरुवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया है। व्रतियों ने गंगा व अन्य पवित्र नदियों में स्नान किया। स्नान के बाद व्रतियों ने अपने घरों में दोपहर अरवा चावल, चने की दाल और लौकी की सब्जी बनाई, जिसे पूजा के उपरांत ग्रहण किया। उसके बाद परिवार के अन्य सदस्यों ने भोजन किया।
महानगर के बाबू घाट, आर्मेनियम घाट, अहिरी टोला घाट, हावड़ा के रामकृष्णपुर व शिवपुर सहित अन्य विभिन्न गंगा घाटों पर इस दिन सुबह से ही व्रतियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। महिला व्रती छठ मइया के गीत गाते हुए नदी किनारे पहुंच रही थीं। छठ के गीतों से घर, मुहल्ले गूंज रहे हैं। चार दिवसीय महापर्व के दूसरे दिन शुक्रवार को छठव्रती खरना करेंगे। दिनभर उपवास रखने के बाद शाम को स्नान कर खरना का प्रसाद बनाया जाएगा। खरना के प्रसाद में रोटी और गुड़ की खीर बनाई जाती है।
पूरी श्रद्धा एवं उत्साह के साथ नहाय-खाय संपन्न, खरना आज
बृहस्पतिवार को नहाए-खाय के साथ छठ पूजा की शुरूआत हो गई है। सुबह छठ व्रतियों ने नदी में स्नान कर पूजा की शुरूआत की। इस मौके पर विशेष तौर पर लौकी की सब्जी, अरवा चावल, चना, अरहर, मूंग दाल को भोजन में शामिल किया गया। इसको लेकर आज बाजार में लौकी की खूब मांग रही। महंगी कीमत होने के बावजूद भी श्रद्धालुओं ने लौकी की खरीदारी की। इसी क्रम में श्रद्धालुओं ने स्थानीय महानंदा नदी के तट पर स्नान कर पूजा की विधि पूरी की। नदी तट से जल उठाकर पूजन स्थल पर स्थापित किया गया।
सुबह से ही नदी तट पर श्रद्धालुओं की भीड़ दिखी। महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। वहीं खरना का पालन शुक्रवार को किया जाएगा। श्रद्धालुओं के द्वारा निर्जल उपवास किया जाएगा। बिना नमक का भोजन तैयार किया जाएगा। खीर इत्यादि भी बनाई जाएगी। उक्त प्रसाद को आस-पड़ोस के लोगों के बीच भी वितरित किया जाएगा। प्रसाद को कच्चे चूल्हे पर तैयार किया जाएगा।
दूसरी ओर खरना को लेकर शहर का बाजार कच्चे चूल्हे से पटा हुआ नजर आया। वर्दवान रोड, महावीर स्थान सहित चंपासरी इलाका चूल्हों से पटा हुआ है। ये चूल्हे 120-30 रुपये में बिकते देखे गए। वहीं कई श्रद्धालु मोल-भाव करते हुए नजर आए। श्रद्धालुओं का कहना है कि छठ को कच्चे चूल्हे पर बना प्रसाद ही चढ़ाया जाता है। इसलिए पूजा का प्रसाद कच्चे चूल्हे पर ही बनाया जाता है। वहीं विक्रेताओं का कहना है कि आज के आधुनिक दौर में भी इन चूल्हों की मांग है। श्रद्धालु इन्हें बहुत ही आस्था के साथ खरीदते हैं। इसलिए महीनों पहले ही इनको बनाने का कार्य शुरू हो जाता है। ताकि छठ के अवसर पर इनकी मांग पूरी की जा सके। वहीं श्रद्धालुओं का कहना है कि वे कच्चे चूल्हे पर ही प्रसाद तैयार करेंगे। इसके लिए कच्चे चूल्हे की खरीदारी कर ली गई है।
दूसरी ओर महानंदा नदी सहित सिलीगुड़ी तथा आसपास के इलाकों में विभिन्न नदियों के तट पर छठ घाट बनाने का काम भी करीब-करीब अंतिम चरण में है। हांलाकि एनजीटी के निर्देश को लेकर इसमें थोड़ी परेशानी भी हो रही है। खासकर महानंदी के मामले में। एनजीटी के निर्देशों का पालन हो इसको लेकर प्रशासन भी सख्त है। पुलिस द्वारा विभिन्न छठ घाटों की निगरानी की जा रही है। एनजीटी के निर्देशों की अवहेलना करने पर पुलिस की सहायता से एक पूजा आयोजक कमिटी का जेसीबी जब्त किया गया है।
यह घटना सिलीगुड़ी नगर निगम के 45 नंबर वार्ड स्थित पार्वती छठ घाट की है। बीते बुधवार को एसडीओ सुमंत सहाय की निगरानी में प्रधान नगर थाना पुलिस ने नदी से जेसीबी को जब्त कर लिया है। एसडीओ ने बताया कि छठ पूजा आयोजक कमिटी ने बिना अनुमति के नदी की सफाई में जेसीबी लगा दी थी। मामला सामने आते ही कार्यवाई कर जेसीबी को जब्त किया गया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि एनजीटी के निर्देश को मानकर ही पूजा करना होगा। अवहेलना करने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी।