कालेजों में दाखिले की प्रक्रिया में बदलाव, अगले साल से दाखिले की फीस बैंकों के जरिए होगी जमा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अगले साल से दाखिले की फीस बैंकों के जरिए जमा की जाएगी। कालेजों में दाखिले का एकमात्र मानदंड मेरिट लिस्ट होगी।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सख्त निर्देश व प्रशासनिक तत्परता के बावजूद महानगर के कालेजों में दाखिले के नाम पर अनियमितता में कमी नहीं आई है। मंगलवार को भी कुछ कालेजों में छात्रों से दाखिले के नाम पर पैसा वसूलने का मामला प्रकाश में आया।
वहीं, कालेजों में छात्रों से दाखिले के नाम पर पैसे वसूले जाने को लेकर राज्य सरकार पर दबाव बढ़ता नजर आ रहा है। इसे लेकर उच्च शिक्षा पर्षद की ओर से नियमों में बदलाव किया गया है। सोमवार को एक विज्ञप्ति जारी कर कहा गया है कि अब छात्रों को काउंसलिंग अथवा दाखिले के लिए कालेजों में आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
कालेज प्रबंधन द्वारा मेधा तालिका के अनुसार छात्रों के एडमीशन की सूचना दी जाएगी जिसके बाद वे फीस का भुगतान ई-पेमेंट के जरिए कर सकेंगे। राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि हम काउंसलिंग नहीं चाहते बल्कि दाखिले का पैमाना हर हाल में मेधा तालिका होनी चाहिए। विभिन्न कालेजों में भर्ती में अनियमितता सामने आने व पैसा वसूले जाने के आरोप के संदर्भ में चटर्जी ने कहा कि हम चाहते हैं कि भर्ती के लिए छात्रों की शारीरिक उपस्थिति न हो बल्कि सबकुछ आनलाइन हो, तकनीकि माध्यम से कालेज इसकी जानकारी छात्रों तक पहुंचाए और भर्ती के लिए फीस का भुगतान ई-पेमेंट के जरिए किया जाय।
उन्होंने कहा कि जहां तक कागजातों छानबीन का सवाल है तो इसकी जांच छात्रों के कालेज क्लास आने पर किया जा सकता है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसी भी छात्र को भयभीत होने की जरुरत नहीं क्योंकि कालेजों में 4.5 लाख से अधिक सीट है और दाखिला सभी को मिलेगा। उन्होंने कहा कि एडमीशन कमेटी में छात्र यूनियन की आवश्यकता नहीं है और इस पर संज्ञान लिया जा रहा है।शिक्षा मंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि मेघावी छात्र राज्य के बाहर जाएं।
ई-पेमेंट के जरिए एडमीशन फीस कर सकेंगे भुगतान
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अगले साल से दाखिले की फीस बैंकों के जरिए जमा की जाएगी। कालेजों में दाखिले का एकमात्र मानदंड मेरिट लिस्ट होगी। गौरतलब है कि ममता ने सोमवार को दक्षिण कोलकाता स्थित आशुतोष कालेज का औचक दौरा कर वहां का हालचाल जाना था। इस मामले में कुछ कॉलेजों में तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद की इकाइयों को भंग कर दिया गया है।